मछली पकड़ने वाली अब करेंगी देश की सेवा: इंडियन नेवी में चयन के बाद माता-पिता से मिलने कावेरी पहुंची गांव, तिलक लगाकर ग्रामीणों ने किया स्वागत


इमरान खान, खंडवा। कहते हैं समय से बड़ा कोई बलवान नहीं होता। अगर मेहनत और लगन सच्ची हो तो वक्त बदलते देर नहीं लगती। कुछ ऐसा ही मध्य प्रदेश के खंडवा में देखने को मिला। जहां पुनासा तहसील में रहने वाली एक बेटी, जो नर्मदा नदी पर बने इंदिरा सागर बांध के बैकवाटर में पिता का कर्ज उतारने के लिए मछली पकड़ने का काम करती थी अब वो देश की सेवा करेगी। उनका चयन खिलाड़ी कोटे से इंडियन नेवी में हो गया है। चयन के बाद अपने माता-पिता से मिलने अपने गांव पहुंची, जहां उसका ग्रामीणों ने स्वागत किया।

सड़क बना किन्नरों का अखाड़ा: निर्वस्त्र कर एक दूसरे की जमकर की पिटाई, तमाशबीन बन देखते रहे लोग, Video वायरल

यह है कामयाबी की कहानी
खंडवा जिले के सिंगाजी गांव में नाव चला कर पिता के साथ मछली पकड़ने वाली कावेरी डिमर की कहानी 2016 में शुरू हुई। खंडवा जिले के तत्कालीन स्पोर्ट्स ऑफिसर जोसेफ बक्सला ने उसे नाव चलाते हुए पहली बार देखा तो कावेरी और उसकी दो अन्य बहनों को वाटर स्पोर्ट्स अकादमी भोपाल में भेज दिया। भोपाल अकादमी में विदेशी खेल कैनोइंग में कावेरी ने महारत हासिल की। कावेरी ने मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई।

कावेरी ने एशियन चैंपियनशीप थाइलैंड में ब्रांज मेडल, एशियन गेम चाइना, वर्ल्ड चैंपियनशीप जर्मनी, एशियन चैंपियनशीप एंड ओलंपिक क्वालिफायर जापन, एशियन चैंपियनशीप उजबिकीस्तान, यू-23 एशियन चैंपियनशीप थाईलेंड में भी हिस्सा लिया। नेशनल चैंपियनशीप में 45 गोल्ड, 6 सिल्वर व 3 ब्रांज मेडल जीते। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उसे 11 लख रुपए का इनाम दिया था।

‘मैं अर्जेंट मीटिंग में हूं, मुझे तुरंत पैसों की जरूरत है’, संभागायुक्त के वॉट्सऐप से कर्मचारियों को आया मैसेज, फिर..

गरीबी में बचपन बीता
कावेरी का बचपन गरीबी में बीता। यही नहीं पिता के बिछाए जाल से मछलियां भी बिनती थी। पिता का 40 हजार रुपए का कर्ज उतारने के लिए कावेरी बैकवाटर में नाव चलाने लगी। पिता रात में जाल बिछाते तीनों बहनें सुबह जाकर जाल से मछली निकालती और ठेकेदार को दें आती। ऐसा रोजाना कर उन्होंने पिता का कर्ज उतारने में मदद की। छोटी सी उम्र में न सिर्फ अपने पिता के कर्ज को दूर किया, बल्कि परिवार का पालन पोषण भी किया। नाव चलाने में महारत हासिल होने के कारण ही वॉटर स्पोर्ट्स अकादमी भोपाल में उसका चयन हो गया। इंडियन नेवी ज्वाइन करने के बाद पहली बार जब बेटी घर लौटी तो माता-पिता को यकीन नहीं हो रहा था कि उनकी बेटी इस मुकाम पर पहुंच गई। माता-पिता ने बेटी को तिलक लगाकर सम्मान किया ग्रामीणों ने भी कावेरी की कामयाबी पर बधाई दी और सम्मान भी किया। मां ने कहा बेटी ने हमारा कर्ज उतार दिया तो पिता ने कहा वह पढ़ाई के साथ-साथ मेरा सहयोग भी करती थी।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *