‘मैं अर्जेंट मीटिंग में हूं, मुझे तुरंत पैसों की जरूरत है’, संभागायुक्त के वॉट्सऐप से कर्मचारियों को आया मैसेज, फिर..


कमल वर्मा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश में साइबर अपराधी ठगी के लिए नए-नए तरीके खोज कर निकाल रहे हैं। जिनके झांसे में पढ़े-लिखे लोग अधिक आ रहे हैं। वहीं जलसाज आम लोगों को ही नहीं, अब अफसर को भी निशाना बना रहे हैं। ग्वालियर में कुछ दिन पहले नगर निगम कमिश्नर को व्हाट्सएप के जरिए मैसेज भेज कर ठगी की कोशिश की गई थी। वहीं अब ठग ने ग्वालियर के संभागीय कमिश्नर दीपक खत्री की डीपी लगाकर व्हाट्सएप मैसेज के जरिए उनके ही दफ्तर के कर्मचारियों से रुपए मांगे।

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दरअसल, ग्वालियर के संभागीय कमिश्नर कार्यालय में कर्मचारी प्रदीप कुमार के पास मैसेज आया। जिसमें लिखा हुआ था कि “मैं अर्जेंट मीटिंग में हूं, मुझे तुरंत पैसों की जरूरत है, शाम तक लौटा दूंगा” और व्हाट्सएप पर संभागीय कमिश्नर दीपक खत्री की डीपी लगी हुई थी तभी कुछ और कर्मचारियों को यह मैसेज मिलने लगे। शुरुआत में कुछ कर्मचारी घबरा गए और राशि भेजने की सोच रहे थे, लेकिन बाद में उन्हें शक हुआ कि इतना बड़ा अधिकारी इस तरह पैसे नहीं मांग सकता।

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जब कर्मचारियों ने डरते हुए खुद संभागायुक्त खत्री को इस बारे में बताया, तो उन्होंने बताया कि उन्होंने किसी से कोई पैसे नहीं मांगे और यह नंबर उनका नहीं है। जिसके बाद संभागीय कमिश्नर दीपक खत्री ने इसकी सूचना तुरंत ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह को दी। एसएसपी ने इस पूरे मामले को साइबर सेल को सौंपा। जिसमें जानकारी निकलकर सामने आई है कि जिस व्हाट्सएप नंबर से मैसेज आया था वह बांग्लादेश का है। फिलहाल इस पूरे मामले को लेकर पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई है।

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