चित्रकूट पहुंचे अमित शाह: भारत रत्न नानाजी देशमुख को अर्पित की श्रद्धांजलि, बोले- गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में…


अनमोल मिश्रा, सतना. भारत रत्न नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम शामिल होने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सतना जिले के चित्रकूट पहुंचे. उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान अमित शाह और संत मोरारी बापू ने रामदर्शन के नए स्वरूप और प. दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति का लोकार्पण किया.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पंचायती राज को सशक्त कर गांवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में नानाजी देशमुख जी के ग्राम स्वराज की अवधारणा आज भी प्रासंगिक है. चाहे आपातकाल का संघर्ष हो, जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभानी हो या भारतीय जनसंघ की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाना हो. हमेशा राष्ट्रप्रथम के लिए समर्पित नानाजी देशमुख समस्त देशवासियों के लिए प्रेरणापुंज हैं. राजनीति के क्षेत्र में जनता कई नेताओं को राजनीति छुड़वाती है. नानाजी ने केवल 60 वर्ष की आयु में जब पार्टी अधिकार में थी. तब निर्णय किया कि वो बाकी का जीवन एकात्म मानववाद को जमीन पर उतारने का काम करेंगे.

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि नानाजी ने गांवों में आत्मनिर्भरता की कल्पना की. ऐसे पिछड़े क्षेत्रों में सेवा का संकल्प लिया. नानाजी ने संकल्प लिया और इस पूरे तीर्थस्थल चित्रकूट को जीवंत करने का काम किया. यह अद्भुत है. बता दें कि नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को कडोली में मराठी भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. यह हिंगोली जिले का छोटा सा शहर है. अपनी शिक्षा के लिए पैसे जुटाने की खातिर उन्होंने सब्जी बेचने तक का काम किया.

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उन्‍होंने सीकर से हाई स्कूल किया. सीकर के रावराजा ने नानाजी को स्‍कॉ‍लरशिप दी. फिर उन्होंने बिड़ला कॉलेज में पढ़ाई की. उसी साल वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी शामिल हो गए. 1952 में जनसंघ की स्थापना होने पर उत्तर प्रदेश में उसका कार्य नानाजी को सौंपा गया. 1967 में वे जनसंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बनकर दिल्ली आ गए. दीनदयाल उपाध्याय की हत्या के बाद 1968 में उन्होंने दिल्ली में दीनदयाल शोध संस्थान की स्थापना की.

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