MP में निवेश की बहार, कमाल कर रही मोहन सरकार: अब तक की सबसे सफल रही भोपाल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, 30.77 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव


सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट प्रदेश के इतिहास में अब तक की सबसे सफल इन्वेस्टर्स समिट साबित हुई है। प्रदेश के इतिहास में 2023 तक हुई 7 समिट में कुल 33.19 लाख निवेश के प्रस्ताव मिले थे, जबकि अकेले भोपाल में 24 और 25 फरवरी को 2025 में सरकार को कुल 30.77 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव आये है। इतने बड़े निवेश के बाद देश और दुनिया में मोहन सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ हो रही है। खुद समापन कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे सिर्फ मध्यप्रदेश की नहीं, बल्कि देश की उपलब्धि बताया!

मध्य प्रदेश में सीएम डॉक्टर मोहन यादव की सरकार के द्वारा उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिये उठाये गये कदम भारत के विकास को भी गति देने का कार्य कर रहे हैं। मध्यप्रदेश निश्चित ही प्रमुख उद्योग राज्य बनेगा। मध्यप्रदेश में निवेशकों में निवेश करने के प्रति विश्वास बढ़ा है। स्थायी और सशक्त सरकार, पारदर्शी प्रशासन, उपयोगी नीतियां, सहयोगी सामाजिक वातावरण, आर्थिक प्रगति के लिये ऐसे आधार हैं, जो मध्यप्रदेश में मौजूद हैं। मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने जनविश्वास अधिनियम, ईज ऑफ डूइंग के माध्यम से पहल की है।

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रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव भी कारगार

मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव द्वारा किया गया रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का प्रयोग सफल रहा। सम विकास के लिये ऐसे प्रयास आवश्यक हैं। अन्य राज्य भी यह प्रयोग कर सकते हैं। प्रत्येक क्षेत्र में अलग तरह का निवेश संभव होता है। मध्यप्रदेश में फिजीकल पोटेंशियल, सेक्टोरल और ग्लोबल पोटेंशियल के मार्ग प्रशस्त हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावना के अनुरूप मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास का महत्वपूर्ण कार्य हो रहा है।

देश के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ PM मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी रही खास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जीआईएस का शुभारंभ और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा समापन से मध्यप्रदेश ने देश के कुशल नेतृत्व का मार्गदर्शन प्राप्त किया। मध्य प्रदेश में उद्योग और निवेश को लेकर एक सकारात्मक माहौल बना है। एमपी में पर्याप्त जल, जंगल, जमीन, बिजली, लैंड, बैंक और निवेश के लिये अनुकूल वातावरण बना है। मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने और निवेशकों का हौसला बढ़ाने के लिए निवेश नीतियों में कई बदलाव किए हैं। मोहन सरकार की नई निवेश नीतियों की सभी ने सराहना की है। मोहन सरकार ने साल 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया है।

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मोहन यादव के सीएम बनने के बाद कई सेक्टर में काम करने का संकल्प लिया गया था। रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव और इन्वेस्टर्स समिट आयोजित किए गए। इससे प्रदेश में रोजगार, उद्योग और निवेश का माहौल बनाने में मदद मिली। इस प्रयोग के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। इससे यह भी पता चला कि राज्य के छोटे-छोटे स्थानों पर भी इंवेस्टर समिट आयोजित की जा सकती है। इससे सरकार का आत्मविश्वास बढ़ा। नर्मदापुरम जैसी छोटी जगह पर भी निवेश की संभावनाएं दिखाई दीं।

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इन्वेस्टर्स मीट ने बढ़ाया डॉक्टर मोहन और मध्य प्रदेश का कद

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 100 से अधिक एक्सपटर्स और उद्योगपतियों सहित करीब 25000 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। इसमें 60 से अधिक देशों के निवेशक डेलीगेट भोपाल आए। जीआईएस करीब 5000 बिजनेस-टू-बिजनेस और 600 बिजनेस-टू-गर्वनमेंट मीटिंग्स आयोजित हुई। जीआईएस में 50 देशों के 25 डेलिगेट्स भोपाल आए। 10 केंद्रीय मंत्री और 6 केंद्रीय सचिवों ने भी भागीदारी की देश सभी बड़े उद्योगपतियों की भागीदारी ने बता दिया की मध्य प्रदेश विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा है।

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