The Hindu Mariage Act – किस प्रकार के विवाह कानून रूप से शून्य अर्थात अवैध होते हैं, जानिए


वैसे तो शून्य विवाह, विवाह नहीं माना जाता है। फिर भी इसे विवाह का नाम इसलिए दिया गया है कि दो व्यक्ति विवाह के किसी संस्कार के अंतर्गत एक सूत्र में बंधे है। लेकिन विधि (कानून) की दृष्टि में यह पति पत्नी नहीं माने जाते हैं। 

The Hindu Mariage Act,1955 age limit

अगर किसी स्त्री की 18 वर्ष से कम आयु में शादी हो जाए या लड़के की 21 वर्ष से कम आयु में शादी हो जाती है तब ऐसा विवाह विधि के अनुसार प्रारंभ से ही शून्य होगा अर्थात दोनों The Hindu Mariage Act,1955 के अनुसार पति-पत्नी नहीं माने जाएंगे-【आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के अनुसार】। 

दोनों में से कोई भी कभी भी दूसरा विवाह कर सकता है

शून्य विवाह पति पत्नि की हैसियत प्रदान नहीं करता है, यदि दोंनो में से कोई भी किसी अन्य व्यक्ति से विवाह कर लेते हैं तो वे द्विविवाह के दोषी नहीं होंगे। शून्य विवाह होने पर न्यायालय की डिक्री प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं क्योंकि यह कानून में विवाह नहीं है। 

  

हिन्दू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के अनुसार शून्य विवाह के आधार:-

1. द्विविवाह:- अगर पहली पत्नी के जीवित रहते, पति दूसरा विवाह कर लेता है तो उसका दूसरा विवाह शून्य होगा। अगर कोई महिला अपने पति के जीवित रहते, दूसरा व्यवहार कर लेती है तो, ऐसा विवाह विश्व में होगा। अगर विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करके शादी करते हैं तो यह विवाह वैध हो सकता है।

सपिण्ड अर्थात गोत्र, कुल में शादी करना अवैध

हिंदू विवाह के अधीन विवाह के पक्षकारों में सपिंड नातेदारी का विशेष ध्यान रखा जाता है तथा यह ध्यान देने का प्रयास किया गया है कि विवाह के पक्षकार एक दूसरे से सपिंड अर्थात गोत्र में नहीं हो। वर्तमान अधिनियम के अंतर्गत पिता की ओर से पाँच पीढ़ियां तथा माता की ओर से तीन पीढ़ियां सपिंड नातेदारी के भीतर होती है।

3. प्रतिषिद्ध सम्बन्धो में शादी करना अवैध

प्रतिषिद्ध नातेदारी को सरल भाषा में कहें, तो ब्लड रिलेशन में शादी की मनाही होती है अर्थात दोनों पक्षों का रिश्ता भाई-बहन, चाचा-भतीजी, मामा-भांजी, फूफी-भतीजा, मौसी-भांजे आदि का नहीं होना चाहिए। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article) 

डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें। 

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