तीन बेटों के होते हुए भी बेसहारा ‘मां’: भरण-पोषण नहीं करने पर बेटे को जाना पड़ा जेल, हर महीने राशि देने के SDM ने दिए थे आदेश


विजेंद्र सिंह राणा, सीहोर। कहते हैं ‘मां’ से बड़ा संसार में कोई नहीं होता। वो अपने बच्चों के लिए दुनियां की खुशियां लाकर देती है। बोलने से लेकर जिंदगी की कसौटी में चलते तक के सफर में साथ खड़ी रहती है। लेकिन, जब उसी मां को सहारे की जरूरत होती है तो बच्चे मुंह मोड लेते हैं। ऐसा कुछ मध्य प्रदेश के सीहोर से देखने को मिला। जहां एक मां को तीन-तीन बेटे के होते हुए भी उम्र के अंतिम पड़ाव पर भरण-पोषण के लिए एसडीएम से गुहार लगानी पड़ी।

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मां को दी राहत
सीहोर एसडीएम कोर्ट का यह प्रकरण एकल परिवार की अवधारणा, बिखरते सामाजिक ताने-बाने और माता-पिता के प्रति बच्चों की सुप्त होती संवेदना का मार्मिक उदाहरण है। एसडीएम तन्मय वर्मा ने अपनी कोर्ट में सुनवाई की और तीनों बेटों को प्रतिमाह भरण-पोषण राशि देने का आदेश देकर एक मां को राहत पहुंचाई है। एसडीम तन्मय वर्मा ने बताया कि भरण-पोषण राशि नहीं देने पर बेटे को जेल भेजा जाएगा।

क्या है मामला
दरअसल, सीहोर के मुर्दी मोहल्ला गंज निवासी वृद्ध मीराबाई ने एसडीएम तन्मय वर्मा के समक्ष जीवन यापन के लिए भरण-पोषण के लिए आवेदन दिया था। मीराबाई के नीरज, धर्मेन्द्र एवं भरत, तीन बेटे हैं। एसडीएम द्वारा बेटों द्वारा भरण-पोषण नहीं किए जाने पर माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम 2007 के तहत विधिवत एसडीएम कोर्ट में प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में उपस्थित होने के लिए सूचना पत्र जारी किया गया।

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तीनों को दो-दो हजार प्रतिमाह देने का आदेश
कोर्ट में भरण-पोषण की राशि के लिए विधिवत सुनवाई कर आवेदिका मीरा बाई की वित्तीय स्थिति को देखते हुए तीनों बेटों का भरण-पोषण के लिए दो-दो हजार प्रतिमाह के हिसाब से कुल 6 हजार प्रतिमाह मीराबाई को देने का आदेश पारित किया गया। इसके साथ ही न्यायालय ने बेटे भरत सोनकर द्वारा आवेदिका से पूर्व में ली गई 90 हजार रुपए भी वापस दिलाई गई।

न्यायालय द्वारा आदेश पारित करने के चार महीने बाद पीड़ित मीराबाई ने शिकायती आवेदन प्रस्तुत किया। जिसमें आवेदिका ने बताया कि न्यायालय के आदेश के तहत उनके एक बेटे द्वारा भरण-पोषण राशि का भुगतान किया जा रहा है। लेकिन बाकी दोनों आदेशानुसार राशि का भुगतान नहीं कर रहे हैं। पीड़िता द्वारा उक्त दोनो पुत्रों से जीवन यापन के लिए पोषण राशि दिलवाए जाने का निवेदन किया गया।

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एक को भेजा जेल, दूसरे को प्रस्तुत करने के निर्देश
आवेदन के संबंध में बेटों द्वारा भरण-पोषण राशि नहीं दिए जाने पर भरण पोषण अधिनियम 2007 के तहत दोनों के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। थाना प्रभारी ने उत्तरवादी पारित आदेशानुसार माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण अधिनियम 2007 की धारा-5 उपधारा-8 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 3 दिन के लिए जेल भेजने का आदेश दिया। इसके साथ ही दूसरे बेटे को वारंट जारी किया गया।

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