सिस्टम की मार, ग्रामीण बेहाल! गांव का नाम बदलने से शासकीय योजना से वंचित हुए लोग, इधर पंजीयन के लिए भटक रहा किसान


अमित पवार, बैतूल. ऑफलाइन और ऑनलाइन के चक्कर में एक गांव में रहने वाले करीब 450 ग्रामीणों को दुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है. ऑफलाइन रिकार्ड में दर्ज मुलताई का चन्दोरा कला 2 गांव ऑनलाइन रिकार्ड में सिरसा वाड़ी कर दिया गया. अब समस्या यह है कि ग्रामीणों के आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड में पुराने गांव का नाम दर्ज होने से पोर्टल पर न किसानों का पंजीयन हो पा रहा है और न ही शासकीय योजनाओं का लाभ मिल रहा.

सबसे ज्यादा दिक्कत वे स्कूली बच्चे झेल रहे हैं, जिन्हें सरकारी स्कूल से छात्रवृत्ति और साइकल मिलती है. ग्रामीणों ने कलेक्टर से गांव का नाम यथावत रखने की मांग की है. समस्या को लेकर ग्रामीणों ने बताया कि उनका गांव चन्दोरा कला 2 ग्राम पंचायत सिरसावाड़ी के अंतर्गत आता है. ऑफलाइन रिकार्ड के मुताबिक, बनाए गए दस्तावेजों में उनका पता भी चन्दोरा कला 2 उल्लेखित किया गया है. लेकिन ऑनलाइन रिकार्ड में चन्दोरा कला 2 की जगह सिर्फ ग्राम पंचायत सिरसा वाड़ी का ही उल्लेख किया गया है.

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गांव का नाम बदलने से चन्दोरा कला 2 में रहने वाले लगभग 89 परिवारों के 450 लोगों के दस्तावेज पोर्टलों पर फेल दिखाए जा रहे हैं. किसानों को फसल बीमा, पंजीयन, और अन्य योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को न ही छात्रवृत्ति मिल रही न ही साइकिलें. ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक ने गांव का नाम यथावत रखे जाने की अनुशंसा कर दी है. कलेक्टर ने बताया कि जो भी त्रुटि हुई है उसमें सुधार किया जाएगा.

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