मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में उद्योगपतियों से की चर्चा, औद्योगिक विकास को लेकर दिए बड़े संकेत


हेमंत शर्मा, इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में आयोजित ‘इंदौर संवाद’ कार्यक्रम में शहर के बड़े उद्योगपतियों और निवेशकों के साथ विस्तार से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने, निवेश को आकर्षित करने और छोटे-बड़े सभी उद्योगों को समर्थन देने की सरकार की योजनाओं पर बात रखी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश सरकार औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश को एक औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत न केवल बड़े निवेशकों को सुविधाएं दी जा रही हैं, बल्कि छोटे और मध्यम उद्यमों (MSME) को भी बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएं बनाई हैं। 

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सीएम ने कहा कि इन्वेस्टर समिट सिर्फ एक औपचारिकता नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसका वास्तविक प्रभाव निवेश और उद्योगों की बढ़ती संख्या के रूप में दिखना चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार केवल बड़े उद्योगों पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही, बल्कि छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों (MSME) को भी प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने नई औद्योगिक नीति का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार निवेशकों को कई तरह की रियायतें दी जा रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर कोई छोटा निवेशक सेंधवा या अलीराजपुर जैसे पिछड़े क्षेत्रों में उद्योग लगाना चाहता है, तो उसे भी सरकार की तरफ से विशेष लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 10 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर प्रोत्साहन देने का निर्णय लिया है, लेकिन छोटे निवेशकों के लिए भी 2.5 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर विशेष सुविधाएं दी जाएंगी।

इंदौर-उज्जैन औद्योगिक बेल्ट का होगा विस्तार

मुख्यमंत्री ने इंदौर और उज्जैन के बीच औद्योगिक विकास को लेकर भी अपनी सरकार की योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सरकार पीथमपुर, देवास, उज्जैन, मक्सी और नागदा को मिलाकर एक औद्योगिक कॉरिडोर विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। इंदौर-उज्जैन के बीच पहले से ही औद्योगिक गतिविधियां बढ़ रही हैं। सरकार इस बेल्ट को और अधिक मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा सकें। मुख्यमंत्री ने इंदौर और उज्जैन के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए बनाए जा रहे छह हाईवे प्रोजेक्ट्स का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह क्षेत्र राज्य के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्रों में शामिल होगा।

मेडिकल टूरिज्म और एयर कनेक्टिविटी पर विशेष जोर

मुख्यमंत्री ने मेडिकल टूरिज्म को लेकर भी सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश पहला राज्य है जिसने एयर एंबुलेंस सेवा शुरू की है। इसके तहत गंभीर मरीजों को समय पर उन्नत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा हवाई सेवाओं का उपयोग किया जा रहा है।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रति फ्लाइट 7.5 लाख रुपये की सब्सिडी दे रही है, जिससे नई एयरलाइंस मध्य प्रदेश से अपनी सेवाएं शुरू कर सकें। उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य में निवेश को बढ़ावा देने और व्यापारिक गतिविधियों को सुगम बनाने में मदद करेगा।

सरकार से उद्योगपतियों को मिलेगा हरसंभव सहयोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार उद्योगपतियों को हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि “हमारी नीति स्पष्ट है – उद्योगों को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर पैदा करना और प्रदेश को औद्योगिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाना।” मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से सुझाव भी मांगे और कहा कि सरकार निवेशकों के साथ मिलकर प्रदेश के औद्योगिक विकास की दिशा में काम करेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार उद्योगों के अनुकूल नीतियां बनाएगी, जिससे निवेशकों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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