आजीविका मिशन में गड़बड़ी: पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के करीबी की बढ़ी मुश्किलें, रिटायर्ड IFS ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ EOW करेगी जांच


सुधीर दंडोतिया, भोपाल। आजीविका मिशन में हुई गड़बड़ी के मामले में पूर्व CEO ललित मोहन बेलवाल की मुश्किलें बढ़ गई है। EOW इस पूरे मामले की जांच करेगा। बता दें किरिटायर्ड IFS अधिकारी ललित मोहन बेलवाल, पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के करीबी हैं।

भोपाल के राजेश मिश्रा ने की थी ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ शिकायत

दरअसल, भोपाल निवासी राजेश मिश्रा ने EOW में शिकायत की थी। जिसके बाद एमपी राज्य रोजगार गारंटी परिषद की तत्कालीन अपर मुख्य कार्यपालन अधिकारी नेहा मारव्या ने इसकी विस्तृत जांच की। रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने पूर्व आईएफएस और राज्य आजीविका मिशन के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ जांच शुरू की। 

तत्कालीन विभागीय मंत्री की आपत्तियों को भी किया था दरकिनार

जांच में पाया गया कि ललित मोहन बेलवाल ने प्रतिनियुक्ति के समय साल 2015 से 2023 के बीच अपने पद का दुरुपयोग करते हुए राज्य परियोजना प्रबंधक के पदों पर सलाहकारों की अवैध नियुक्ति की थी। उन्होंने मध्यप्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विभाग सचिव के निर्देशों को दरकिनार करते हुए और संबंधित दस्तावेजों में छेड़छाड़ करते हुए तत्कालीन विभागीय मंत्री की आपत्तियों को भी नजरअंदाज करते हुए यह नियुक्तियां की थी।

जांच रिपोर्ट में हुए कई खुलासे 

विस्तृत जांच रिपोर्ट में यह पाया गया कि जिस मानव संसाधन मार्गदर्शिका के नियमों के आधार पर स्वीकृत पदों के विरूद्ध श्री बेलवाल द्वारा नियुक्तियां की गई है वह मानव संसाधन मार्गदर्शिका तब अस्तित्व में नहीं थी। साथ ही यह भी पाया गया कि अवैधानिक नियुक्तियों के साथ-साथ अन्य संवर्गों में लागू जीवन यापन लागत सूचकांक को भी नजरअंदाज करते हुए अवैध नियुक्तियों के मानदेयों में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की गई थी।

शुक्ला परिवार के सदस्यों की बिना योग्यता की थी नियुक्ति

आरोप है कि ललित मोहन बेलवाल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना योग्यता के सुषमा रानी शुक्ला और उनके परिवार के सदस्यों देवेन्द्र मिश्र, अंजू शुक्ला, मुकेश गौतम, ओमकार शुक्ला और आकांक्षा पाण्डे की आजीविका मिशन के विभिन्न पदों पर नियुक्ति की थी।

बिना बीमा पॉलिसी दिए 1.73 करोड़ रुपए के गबन का आरोप

उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अवैधानिक तरीके से बिना शासन और वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के कम्युनिटी बेस्ड माईको इंश्योरेंश बीमा योजना के अंतर्गत, बीमा कराने के नाम पर 81,647 महिलाओं से प्रति महिला 300 रुपये लेकर बिना बीमा पॉलिसी दिये 1.73 करोड़ रुपये का गबन किया था।

EOW ने शुरू की जांच 

इस मामले में कोर्ट के निर्देश के बाद शिकायतकर्ता के शिकायत पत्र और जांच अधिकारी की रिपोर्ट के बाद EOW ने रिटायर्ड IFS और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) ललित मोहन बेलवाल के खिलाफ जांच शुरू कर दी।

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