अतिथि शिक्षक आरक्षण को लेकर DPI BHOPAL की व्यवस्था को हाईकोर्ट में चुनौती


मध्य प्रदेश शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल द्वारा नए-नए विवाद क्रिएट किया जा रहे हैं। नियम पुस्तिका में कहीं कोई उल्लेख नहीं है परंतु लोक शिक्षण संचालनालय ने कर्मचारी चयन आयोग को निर्देशित कर दिया है कि, वे अभ्यर्थी जो पूर्व से शासकीय सेवा में हैं उन्हें अतिथि शिक्षक आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाएगा। लगभग 50 प्राथमिक शिक्षकों ने इस व्यवस्था को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। 

हम अतिथि शिक्षक हैं और हमें हमारा आरक्षण मिलना चाहिए

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने बताया कि, वर्तमान में माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 चयन परीक्षा के लिए आवेदन की प्रक्रिया चल रही है। इसमें वह अतिथि शिक्षक भी भाग ले रहे हैं जिन्होंने पूर्व में प्राथमिक शिक्षक वर्ग 3 की चयन परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद प्राथमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त कर ली है। उम्मीदवारों का कहना है कि हमने प्राथमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक, दोनों पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है और चयन परीक्षा के लिए एलिजिबल है। हम मूल रूप से अतिथि शिक्षक हैं इसलिए हमें अतिथि शिक्षक आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। 

लोक शिक्षण संचालनालय का जवाब 

इस मांग को लेकर उम्मीदवारों ने मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत किए थे। उन्होंने बताया था कि ऑनलाइन आवेदन फार्म में यदि वह अतिथि शिक्षक वाले बॉक्स को क्लिक करते हैं तो शासकीय सेवक वाला विकल्प अपने आप गायब हो जाता है। यदि वह शासकीय सेवक वाले विकल्प को क्लिक करते हैं तो अतिथि शिक्षक वाला विकल्प गायब हो जाता है। जबकि वह दोनों विकल्पों के साथ परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं। MPESB द्वारा लोक शिक्षण संचालनालय से शिकायतों का निराकरण मांगा गया। दिनांक 11 फरवरी 2025 को पत्र क्रमांक 285 के बिंदु क्रमांक 4 में संचालक लोक शिक्षण संचालनालय ने लिखा कि “वे अभ्यर्थी जो पूर्व से शासकीय सेवा में है उन्हें अतिथि शिक्षक आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा”। 

संचालक को नियम बनाने का अधिकारी नहीं है

उम्मीदवारों का कहना है कि, माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा का विज्ञापन जारी हो चुका है। नियम पुस्तिका जारी हो चुकी है। नियम पुस्तिका में ऐसा कोई नियम नहीं है। पिछली बार जब माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा का आयोजन हुआ था तब प्राथमिक शिक्षकों को, अतिथि शिक्षक आरक्षण का लाभ दिया गया था। जो व्यवस्था पहले से चली आ रही है, उसे इंटर ऑफिस मेमो के जरिए बदला नहीं जा सकता है। “वे अभ्यर्थी जो पूर्व से शासकीय सेवा में है उन्हें अतिथि शिक्षक आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा” ऐसा कोई नियम घोषित नहीं किया गया है। अतः संचालक लोक शिक्षक द्वारा मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल के परीक्षा नियंत्रक को लिखा गया पत्र, और इस पत्र का कोई भी बिंदु, तब तक वैधानिक मान्यता नहीं रखता है जब तक कि, नियम पुस्तिका उसका समर्थन नहीं करती है।

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