MP NEWS – मासूम को मां के हाथ से छीन ले गए थे, CM ने मां की गोद में पहुंचाया, सिर्फ 14 घंटे में


मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुई घटना ने चिंता की स्थिति पैदा कर दी थी परंतु मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा मॉनिटरिंग में लिए जाने के बाद ग्वालियर पुलिस ने पूरी ताकत लगा दी और सिर्फ 14 घंटे में सफलता दर्ज हुई है। अपहरणकर्ता, 6 साल के मासूम को मां के हाथ से छीन ले गए थे। सुबह होने से पहले बालक पुलिस की सुरक्षा में है और सबसे संतोष की बात है कि बालक सकुशल है। 

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्वयं गुड न्यूज़ सुनाई

मध्य प्रदेश में लोग रात्रि विश्राम के लिए चले गए थे लेकिन यह समाचार स्वयं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्वयं सुनाया। उन्होंने बताया कि ग्वालियर में गुरूवार की सुबह शिवाय गुप्ता नामक बालक का अपहरण हो गया था। वह अपनी माता के साथ स्कूल जा रहा था। उन्होंने कहा‍ कि अपहृत बालक सकुशल मिल गया है और उसकी माता-पिता से बात भी करा दी गई है। बच्चे को जल्द से जल्द माता-पिता के पास ले जाया जा रहा है। यह एक अच्छी बात है कि सफलता मिलने से पहले तक मुख्यमंत्री ने कोई बयानबाजी नहीं की बल्कि अपने ऑफिस के अधिकारियों को काम पर लगाया और जब रिजल्ट सामने आ गया तब स्वयं सबको बताया।

घटना का संक्षिप्त विवरण

उल्लेखनीय है कि, मुरार थाना क्षेत्र में गुरुवार सुबह करीब 8 बजे 6 साल के बच्चे का अपहरण हो गया था। इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में दिख रहा है कि बच्चे को उसकी मां आरती गुप्ता स्कूल बस तक छोड़ने लेकर जा रही है। इसी दौरान बाइक पर दो बदमाश पीछे से आए। एक बदमाश महिला और बच्चे के पीछे उतर गया जबकि बाइक चला रहा युवक बाइक के साथ थोड़ी आगे जाकर रुका।

इसके बाद बदमाश ने पीछे से आकर महिला की आंखों में मिर्ची डाली और बिजली की फुर्ती से बच्चे को उठाकर बाइक की ओर भागा। बच्चे को पकड़ने दौड़ी मां सड़क पर गिर गई। इस बीच दोनों बदमाश बच्चे को लेकर भाग निकले। मां किसी तरह उठी और शोर मचाने लगी। शिवाय के पिता राहुल गुप्ता शुगर व्यापारी हैं।

मुख्यमंत्री ने ग्वालियर पुलिस को कहा – GOOD JOB

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज सुबह घटना होते ही ग्वालियर पुलिस ने बेहद तत्परतापूर्वक कार्रवाई की। सर्चिंग अभियान चलाया और पुलिस की मुस्तैदी से बच्चा मिल गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर पुलिस की तत्परता की सराहना की और ऐसी घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार कानून व्यवस्था के लिए जानी जाती है। मध्यप्रदेश की धरती पर कानून व्यवस्था बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। 

पुलिस ने कैसे मुक्त करवाया

ग्वालियर आईजी अरविंद सक्सेना ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश मिलने के बाद ग्वालियर चंबल संभाग के सभी पुलिस थानों को अलर्ट पर डाल दिया गया था। पुलिस पार्टियों को सर्चिंग पर लगाया गया था। सिविल ड्रेस में पुलिस की कई टीम बालक का पता लगाने के लिए फील्ड में निकाल दी गई थी। इसका नतीजा यही हुआ कि चारों तरफ से प्रेशर क्रिएट हो गया। बदमाशों को समझ में आ गया था कि, बालक के साथ निकलना मुश्किल है और यदि बालक को कोई नुकसान पहुंचा तो बड़ी समस्या हो सकती है। गांव और जंगल तक पुलिस की सक्रियता को देखकर उन्होंने बालक को बंशीपुर गांव में छोड़ा और स्वयं किसी अज्ञात स्थान पर जाकर छुप गए। 

बंशीपुरा गांव में शिवाय एक जगह पर खड़ा रो रहा था। तभी वहां से एक ई-रिक्शा वाला निकला। पुलिस ने अपने पूरे नेटवर्क में बालक के फोटो वायरल कर दिए थे। जैसे ही रिक्शा चालक ने बालक को देखा, वह पहचान गया। उसने बच्चे को सुरक्षित अपने साथ लिया और काजीबसई गांव के सरपंच को सौंप दिया। सरपंच ने निर्देशानुसार बालक की सूचना पुलिस को दी और फिर बालक के माता-पिता से संपर्क किया गया।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *