चीन के ठगों को खाते मुहैया कराने वाले तीन इंजीनियर छात्र गिरफ्तार, हॉस्टल स्टूडेंट्स को बनाते थे निशाना, BSF इंस्पेक्टर से की थी 72 लाख की ठगी 


कमल वर्मा, ग्वालियर। ग्वालियर साइबर क्राइम पुलिस ने दिल्ली नोएडा से तीन ऐसे इंजीनियर छात्रों को गिरफ्तार किया है, जो डिजिटल अरेस्ट और ऑनलाइन ठगी के लिए हॉस्टल में स्टूडेंट्स के अकाउंट ओपन कराकर चाइनीज नागरिक की गैंग को हैंड ओवर करते थे। जब इन अकाउंट में ठगी का पैसा आ जाता था तो उसमें से 6 प्रतिशत कमीशन काटकर शेष राशि की USDT यूनाइडेट स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेजरी से कन्वर्ट कर चाइनीज नागरिक को सौंप देते थे। यह पूरा रैकेट टेलीग्राम एप पर चल रहा था। BSF इंस्पेक्टर से ठगी गई 72 लाख की रकम से कुछ रकम का हिस्सा इन्ही आरोपियों के पास पहुंचा था। वही पुलिस तीनों आरोपियों से पूछताछ में जुट गई है।

BSF इंस्पेक्टर से की थी 72 लाख की ठगी 

ग्वालियर पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि बीते दिनों बीएसएफ इंस्पेक्टर अवसार अहमद से सीबीआई बंद कर मनीलॉन्ड्रिंग के नाम पर 72 लाख रुपए ठगे थे। इस मामले में क्राइम ब्रांच की साइबर विंग लगातार पड़ताल में लगी थी। टीम जिन-जिन शहरों के खातों में ठगी का रुपया पहुंचा था उनकी पड़ताल कर रही थी। चार दिन पहले उरई यूपी से दो आरोपी पकड़े गए थे। जिसके बाद पुलिस पूरी मुश्तैदी से इस मामले में लग गई थी। जिसके बाद अब टीम को इस मामले में बड़ी सफलता मिली है। 

आरोपियों तक ऐसे पहुंची पुलिस 

जिन अकाउंट में ठगी का पैसा ट्रांसफर हुआ था उन अकाउंट की पड़ताल करते-करते ग्वालियर पुलिस उत्तर प्रदेश के नाेएडा पहुंच गई है। यहां एक यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के रूम नंबर 225 से तीन इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए इंजीनियरिंग स्टूडेंट अफताफ अहमद खान निवासी झारखंड, अंकित वर्मा निवासी कोटा राजस्थान, अखिल सिंह बैस निवासी दिल्ली के रूप में हुई है। इनके अकाउंट में बीएसएफ अधिकारी से ठगे गए रुपए में से 29 हजार रुपए ट्रांसफर हुए थे। इन तीनों इंजीनियरिंग छात्रों से पुलिस ने 03 माेबाइल और 6 ATM कार्ड विभिन्न बैंक के बरामद किए हैं। जब इनसे पूछताछ की गई तो कई अहम खुलासे हुए हैं। 

हॉस्टल व यूनिवर्सिटी के युवाओं को प्रोत्साहित करते थे 

आरोपी छात्रों ने पुलिस को बताया कि टेलीग्राम एप पर एक ठग से जुड़े थे। जिसने खुद को चाइनीज नागरिक बताया था। वह बात भी चाइनीज भाषा में करता था। जिसे यह छात्र कन्वर्ट कर समझते और जवाब भेजते थे। उसी चाइनीज नागरिक के लिए यह काम करने लगे थे। यह हॉस्टल व यूनिवर्सिटी के युवाओं को प्रोत्साहित करते थे कि वह अपना अकाउंट खोलकर किराए पर चला सकते हैं। उसमें जो भी ठगी की रकम आएगी उसका छह प्रतिशत काटकर वापस देना होगा। इस तरह कई बैंक अकाउंट यह ठगों को सौंप चुके थे। ठगी की राशि USDT कर चाइनीज नागरिक को भेजी जाती थी। फिलहाल पुलिस तीनों आरोपियों से पूछताछ में जुट गई है पुलिस को उम्मीद है और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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