कुम्हार-धोबी जाति को SC में शामिल करने का मामला: हाइकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से 4 सप्ताह में मांगा जवाब, पूछा- एक राज्य में दो अलग अलग कानून कैसे ?


कुमार इंदर, जबलपुर। मध्यप्रदेश में कुम्हार और धोबी जाति को अनुसूचित जाति (SC) में शामिल करने की मांग मामले में हाइकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, भारत सरकार, राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग, राष्ट्रिय अनुसूचित जाति आयोग, मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग आयोग, मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति आयोग से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने कहा- जब भोपाल, रायसेन, सीहोर जिले में रजक समाज SC कैटेगरी तो बाकी जिलों में ओबीसी क्यों? रीवा, सीधी, सतना, शहडोल, टीकमगढ़, छतरपुर, दतिया, पन्ना, अनूपपुर, मऊगंज, उमरिया और सिंगरौली जिले में अनुसूचित वर्ग तो बाकी में ओबीसी क्यों?

एक ही राज्य में कैसे दो कानून

दरअसल मामले को लेकर जबलपुर के राकेश कुमार चक्रवर्ती और लक्ष्मण रजक ने याचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में, एक ही जाति के लोगों को अलग-अलग जिलों में अलग-अलग जाति में रखा गया है। एक ही प्रदेश में एक ही जाति के लोगों को अलग अलग कैटेगिरी में रखना सामान्य के अधिकार के विपरीत है। याचिका में पूछा एक ही राज्य में कैसे दो कानून चल रहे हैं? याचिका में पूरे प्रदेश के कुम्हार व रजक जाति को अनुसूचित जाति में रखने की मांग की गई है। जस्टिस विवेक अग्रवाल तथा जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बैंच केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जानकारी एस के कश्यप, याचिकाकर्ता के वकील ने दी।

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