गंदी बात करते हैं डॉक्टर… महिला नर्सिंग ऑफिसर ने लगाए डबल मीनिंग जोक भेजने और बैड टच के आरोप, जिम्मेदारों ने पीड़िता को ही कर दिया पद मुक्त, HC से मिला न्याय


कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिला अस्पताल के डॉक्टर पर गंदी बात करने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप किसी छोटी-मोटी कर्मचारी ने नहीं बल्कि महिला नर्सिंग ऑफिसर ने लगाए हैं। लेकिन हद तो तब हो गई जब शिकायत पर आला अधिकारियों ने कार्रवाई करने की बजाय पीड़ित अफसर को ही पद से मुक्त कर जनरल ड्यूटी नर्स बना दिया।

महिला ऑफिसर ने खटखटाया HC का दरवाजा

आखिर में महिला नर्सिंग ऑफिसर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। HC ने मामले की गंभीरता देखते हुए स्वास्थ अफसरों को फटकार लगाई। पीड़िता को दोबारा नर्सिंग ऑफिसर के पद पर बहाल कराया और इस मामले में तत्काल यौन उत्पीड़न कमेटी से जांच कर कर कार्रवाई के निर्देश दिए।

2 डॉक्टर सुनाते हैं डबल मीनिंग जोक 

जिला अस्पताल की महिला नर्सिंग ऑफिसर ने दो सीनियर डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का आरोप है कि “जिला अस्पताल के दो डॉक्टर उन्हें डबल मीनिंग और आपत्तिजनक जोक सुनाए। ड्यूटी के दौरान कई बार बैड टच भी किया। रात में मोबाइल पर गाने और आपत्तिजनक मैसेज भी भेजे गए।” 

शिकायत की तो पद से ही हटा दिया

पीड़िता ने जब इसकी शिकायत आला अधिकारियों से की तो अधिकारियों ने डॉक्टरों को बचाने के लिए उल्टा पीड़िता को नर्सिंग ऑफिसर के पद से ही हटाकर जनरल ड्यूटी नर्स बना दिया। उसने महिला आयोग और अन्य जगह शिकायत की। जब ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 

HC ने अफसरों को फटकार लगाकर महिला को कराया बहाल

हाईकोर्ट ने पीड़िता के द्वारा पेश किए सबूत के आधार पर इस मामले में अफसर को फटकार लगाई और पीड़िता को तत्काल नर्सिंग ऑफिसर पर बहाल कराया। इसके साथ ही इस मामले की यौन उत्पीड़न कमेटी से निष्पक्ष जांच कर कर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

पीड़िता बोली- कई नर्स हो रही उत्पीड़न का शिकार

पीड़िता का कहना है कि जिला अस्पताल में तैनात कई नर्स उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं। लेकिन वह अपनी इज्जत और नौकरी बचाने की खातिर सब कुछ सहने को मजबूर हैं। कुछ नर्सो ने शिकायत भी की, लेकिन कार्रवाई के बजाए उन्हें ही प्रताड़ित किया जाने लगा तो सब डर कर चुप बैठ गईं। 

सिविल सर्जन बोले- कमेटी की रिपोर्ट आने पर होगी कार्रवाई 

सिविल सर्जन डॉक्टर आरके शर्मा ने इस मामले में कहा, “हाईकोर्ट के निर्देश के बाद यौन उत्पीड़न कमेटी को जांच सौंपी गई है। 20 दिन बाद कमेटी की रिपोर्ट आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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