‘कपड़े और बर्तन धोने बंगले पर बुलाते है साहब’, चौकीदार और कोटवारों ने तहसीलदार पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- मना करने पर…


धर्मेद्र ओझा, भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक प्रभारी तहसीलदार के उपर चौकीदारों और कोटवारों ने गंभीर आरोप लगाए है। मामला मौ. तहसील कार्यालय का है। जहां पर उदय सिंह जाटव प्रभारी तहसीलदार के पद पर पदस्थ होकर चौकीदारों के साथ नियमों का हवाला देकर बड़ा खेल खेल रहे हैं । यह हम नहीं कह रहे हैं यह खुद चौकीदार कह रहे हैं। तहसीलदार साहब ने एक ऐसा ही कारनामा चौकीदार और कोटवारों के साथ  कर डाला। लेटर में कलेक्टर का और मध्य प्रदेश शासन के नियमों, जो सन 2019 में बने थे उसका हवाला देकर वेतन रोकने के लिए भिंड कलेक्टर को पत्र लिखा जाता है। 

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कपड़े धोने और अंडरगारमेंट-बनियान धोने बुलाते है बंगला 

कोटवारों ने बताया कि हमारी ड्यूटी शासन की तरफ से गांव नगर और शहर की सुरक्षा करने के लिए दी गई है।उन्होंने कहा कि तहसीलदार साहब कपड़े धोने और अंडरगारमेंट- बनियान धोने हमे बंगले पर बुलाते हैं। यही नहीं घर का अन्य काम भी करवाते हैं। जैसे बर्तन धोना, झाड़ू लगाना, पोछा लगाना इत्यादि। एक कर्मचारी ने बताया कि एक दिन साहब ने कहा कि बर्तन धोकर पोंछा लगा दो, तो हमने ऐसा करने से माना कर दिया। फिर क्या था, साहब ने नौकरी से निकालने के लिए 2019 के नियम का हवाला देकर लेटरनिकाला और हमारी वेतन रोक दी। 

शिकायत करने पर पीड़ितों को किया सस्पेंड 

पीड़ितों के मुताबिक हम एक बार साहब की शिकायत करने मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से करने गए। जब गए वहां हमने अपनी बात रखी और और कहां की साहब हम शिकायत तो कर रहे हैं, लेकिन यह लोग बहुत बड़े लोग हैं। धोखे से हम लोगों को सस्पेंड कर देंगे और वही हुआ।  हमने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को एक शिकायती आवेदन दिया, शिकायती आवेदन कलेक्टर भिंड पर आया। कलेक्टर भिंड ने एसडीएम पराग जैन गोहद को फॉरवर्ड किया। जैसे ही वह नोटिस हमारे यहां आया तो सब ने आज दिनांक को हमसे स्पष्टीकरण मांग लिया।  

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वरिष्ठ अधिकारियों से जांच की मांग 

जबकि हम अगर दोषी हैं तो हमारी जांच अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा कराई जाना चाहिए। जिले के किसी भी तहसील का वरिष्ठ अधिकारी हो हमारी जांच हो जाए, हमको कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन तहसीलदार उदय जाटव ही हमारी जांच करेंगे और वही दोषी बने हैं, तो यह कैसे संभव है। सारे नियमों को ताक पर रखकर हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है। इसलिए हमारी शासन से विनती है कि हमको पुनः अपने कम पर रखा जाए ।

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