कोहरा क्या होता है, कितने प्रकार का होता है, कैसे बनता है


FOG भारत में कई नामों से पुकारा जाता है। सबसे लोकप्रिय कोहरा और धुंध के अलावा कुहासा, कुहरा, कुहेलिका, कुहासा, गर्द, कुज्झटिका एवं कुज्झटी के नाम से भी जाना जाता है। यह हमेशा विंटर सीजन में होता है। आइए पढ़ते हैं कोहरा के बारे में कुछ रोचक और मजेदार जानकारियां:-

कोहरा गिरने पर विजिबिलिटी कम क्यों हो जाती है

शीत ऋतु अर्थात ठंड के मौसम में पृथ्वी की ऊपरी सतह के तापमान कम होने पर हवा में उपस्थित जलवाष्प संतृप्त होने पर संघनित होकर जल की सूक्ष्म बूंदों में परिवर्तित हो जाते हैं। ये सूक्ष्म बूंदे वायुमंडल में उपस्थित धूल मिट्टी व प्रदूषक तत्व जो न्यूक्लिआई के रूप में संघनन करने में सहायक होते है उनसे मिलकर दृश्यता को कम कर देते हैं तथा आसपास की ठंडी हवा के सम्पर्क में आने पर इनका स्वरूप धुएं के बादल जैसा बन जाता है। वायुमण्डल में अधिक नमी होने पर यह घने कोहरे का रूप ले लेता है तथा इस स्थिति में दृश्यता काफी कम हो जाती है कभी कभी यह दृश्यता 50 मीटर से भी कम हो जाती है। 

FOG और SMOG में क्या अंतर है

जब कोहरे के साथ धुँए का मिश्रण होता है तो उसे स्मॉग (SMOG) कहा जाता है। यह औद्योगिक और शहरी क्षेत्रों में जलकणों के साथ धूल एवं प्रदूषण पैदा करने वाले तत्वों के मिश्रण से अधिक तीव्रता से बनता है। 

धुंध और बादल में क्या अंतर है

धुंध व बादल बनने की प्रक्रिया एक जैसी होती है यदि धरती के नजदीक यह हो तो धुंध तथा अधिक ऊंचाई पर बने तो बादल कहा जाता है।

कोहरा कितने प्रकार का होता है

कोहरा कई प्रकार का होता है इनमें से चार प्रमुख, रेडिएशन फॉग, एडवेक्शन फॉग, वैली फॉग और फ्रीजिंग फॉग शामिल हैं।

कोहरा का मतलब क्या होता है? 

कोहरा का मतलब होता है धरती के ठीक ऊपर हवा में पानी और मिट्टी के कणों का मिश्रण जिसके कारण दृश्यता यानी विजिबिलिटी कम हो जाती है। स्वाभाविक रूप से इस में नमी होती है।





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