फूलगोभी का भाव गिरने से किसानों में मायूसी: मवेशियों को खड़ी फसल खिलाने को मजबूर, उचित दाम नहीं मिलने से कर्ज लौटाना हुआ मुश्किल
समीर शेख, बड़वानी। मध्य प्रदेश के बड़वानी में फूलगोभी के भाव गिर गए। जिससे किसानों में मायूसी छा गई। वहीं किसान अब खेतों में मवेशियों को गोभी की खड़ी फसल खिलाने को मजबूर है। लेकिन उचित दाम नहीं मिलने से कर्ज लौटाना भी मुश्किल हो गया है।
बड़वानी राजपुर विकासखंड के ग्राम ऊंची के किसान रामलाल पंचोले ने बताया कि उन्होंने दो एकड़ में पत्ता गोभी लगाई थी। फसल अच्छी हुई पर दाम पांच रुपए किलो भी नसीब नहीं हुए। तो उन्होंने फसल मवेशियों के हवाले कर दी। बाजार में पत्ता गोभी दो से तीन रुपए किलो तक बिक रही है। ऐसे में किसानों को खेत से गोभी काटकर बाजार ले जाना भी महंगा साबित हो रहा है। राजपुर विकासखंड में बड़ी मात्रा में पत्ता गोभी लगाई जाती है। लेकिन इस बार दाम नहीं मिलने से किसान परेशान हैं।
45 से 50 हजार रुपये तक आता है खर्च
किसान रामलाल का कहना है कि एक एकड़ में गोभी लगाने में 45 से 50 हजार रुपये तक खर्च आता है। गोभी उत्पादक किसानों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। खेत में करीब दो एकड़ में फूल गोभी की फसल लगाई थीं इसमें मजबूरी में किसानों को अपनी तैयार फसल को मवेशियों को खिलाकर नष्ट करना पड़ रहा है। एक लाख से ज्यादा की लागत लगी है। फसल का उत्पादन भी अच्छा हुआ। लेकिन भाव नहीं मिल रहे हैं। बाजार में दो से तीन रुपए किलो के भाव है। इसमें फसल को तोड़ने की लागत भी नहीं निकल पाएगी। उल्टा मजदूरों को तुड़वाई का पैसा जेब से देना पड़ेगा। इसी के कारण फसल को मवेशियों को खिला रहे हैं।
टमाटर की फसल से भी मिला था धोखा
इससे पहले किसानों को टमाटर की फसल से भी धोखा ही मिला है। टमाटर के भाव भी एक-दो रुपए किलो हो गए थे। उन्होंने कहा कि गोभी की फसल लगाने वाले किसान कैरेट के कैरेट सब्जियां फेंक रहे है। उनका कहना है मंडी में फसल ले जाने तक का भाड़ा भी महंगा पड़ रहा है। दाम नहीं मिल पा रहे है इसलिए अपने ही मवेशियों को खेत में लगी गोभी की फसल खिला रहे है। किसान ने बताया कि आसपास के सभी गांवों के किसानों की यही स्थिति है। कई किसान अपने खेतों में ही फसलों को नष्ट कर रहे है। लागत मूल्य नहीं मिलने से भारी नुकसान हुआ है।
उचित दाम नहीं मिलने से किसान परेशान
किसान मंशाराम पंचोले ने बताया कि उनके गांव के अधिकतर लोग हरी सब्जी की खेती करते हैं, लेकिन उचित दाम नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। गांव के लोगों की जीविका का मुख्य साधन कृषि है। किसान कर्ज लेकर सब्जियों की खेती करते हैं, लेकिन उचित दाम नहीं मिलने से कर्ज लौटाना भी मुश्किल हो गया है। किसान ने बताया कि अब गोभी को मवेशियों ओर भेड़ों को खिलाकर जमीन को तैयार कर आगामी फसल लगाने कि तैयारी शुरू कर रहे हैं।
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