INDORE NEWS – भिखारियों को भोजन, कंबल और गर्म कपड़े दान करने पर प्रतिबंध


मध्य प्रदेश के सबसे आधुनिक जिला इंदौर में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने भिक्षावृत्ति की रोकथाम एवं इस सामाजिक बुराई के समूल निवारण के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये हैं। इस आदेश के बाद यदि कोई भी व्यक्ति, भिखारी को कुछ भी दान करता है। यहां तक कि यदि वह गर्म कपड़े और कंबल विधान करता है तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत मामला दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 

इंदौर में भिखारियों से कोई भी सामान खरीदना भी अपराध है

कलेक्टर श्री सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिले में किसी भी प्रकार की भिक्षावृत्ति को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कुछ भी देना या उनसे किसी भी प्रकार के सामान को खरीदना भी प्रतिबंधित किया गया है। जो व्यक्ति भिक्षुओं को भिक्षा स्वरूप कोई भी सामान/वस्तु प्रदान करता है या देता है या इनसे कोई सामान खरीदता हैं तो उसके विरूद्ध भी इस आदेश के उल्लंघन पर कानूनी कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति/संस्था/आयोजक के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश 02 जनवरी 2025 से 28 फरवरी 2025 तक प्रभावशील रहेगा। 

इंदौर में भिखारी बताओ इनाम पाओ 

यदि कहीं कोई व्यक्ति भिक्षावृत्ति करता पाया जाता है, तो उसकी सूचना कोई भी व्यक्ति महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी श्री दिनेश मिश्रा के (मोबाईल नंबर- 9691494951) पर दे सकते है। सूचना सत्यापन के दौरान जानकारी सही पाई जाती है तो संबंधित व्यक्ति को एक हजार रुपये की राशि प्रोत्साहन राशि प्रदान की जायेगी। 

इंदौर में भिखारियों के खिलाफ इतनी कड़ी कार्रवाई क्यों

उल्लेखनीय है कि विभिन्न माध्यमों से यह तथ्य ध्यान में लाया गया है कि ट्रैफिक सिग्नल, चौराहों, धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों द्वारा स्वयं या अपने परिवारों के साथ भिक्षावृत्ति की जाती है। उक्त भिक्षावृत्ति से एक ओर जहां ये लोग भिक्षावृत्ति पर अंकुश लगायें जाने संबंधी शासन के आदेशों की अवहेलना कर रहे है वहीं दूसरी ओर आमजन के सामान्य यातायात आदि में भी कहीं न कहीं बाधा उत्पन्न करते है। इन्दौर जिले में इस प्रकार की भिक्षावृत्ति में अन्य राज्यों एवं शहरों के व्यक्ति भी संलग्न रहते हैं, जिनमें कई व्यक्तियों का आपराधिक इतिहास भी रहता है। 

भिक्षावृत्ति कार्य में संलग्न अधिकांश व्यक्ति नशे या अन्य गतिविधियों में लिप्त भी होते है। इसी तरह भिक्षावृत्ति कराने की आड़ में कई आपराधिक गतिविधियां भी संचालित की जाती है। ट्रैफिक सिग्नलों पर भिक्षावृत्ति के कारण दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। भिक्षावृत्ति एक सामाजिक बुराई है। राज्य शासन द्वारा भी भिक्षावृत्ति को रोकने हेतु समय-समय पर समुचित निर्देश जारी किये गये हैं। 

ज्ञातव्य है कि इन्दौर जिले में भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए विभिन्न विभागों के दल गठित किये गये है, जो लगातार भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए प्रयास कर रहे है। इस कार्यवाही का विभिन्न सोशल मीडिया, डिजीटल एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार भी किया गया है। भिक्षावृत्ति में लिप्त लगभग 354 वयस्क व्यक्तियों को रेसक्यू कर सेवाधाम आश्रम भेजा गया तथा लगभग 45 बच्चों को बाल देखरेख संस्थान (CCI) भेजा गया है। 

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