शलाका चित्र प्रदर्शनी: आदिवर्त जनजातीय संग्रहालय में रंगबिरंगी कला का उत्सव, पद्मश्री भूरीबाई की विरासत को आगे बढ़ा रहीं हैं युवा चित्रकार रीता भूरिया


शशांक द्विवेदी, खजुराहो. आदिवर्त जनजातीय संग्रहालय द्वारा प्रदेश के जनजातीय चित्रकारों को चित्र प्रदर्शनी और चित्रों की बिक्री के लिए प्रतिमाह ‘लिखन्दरा प्रदर्शनी दीर्घा’ में किसी एक जनजातीय चित्रकार की प्रदर्शनी का संयोजन शलाका नाम से किया जाता है. 3 जनवरी को 22वीं शलाका चित्र प्रदर्शनी में भील समुदाय की युवा चित्रकार रीता भूरिया के चित्रों की प्रदर्शनी संयोजन किया गया है.

युवा भीली चित्रकार रीता भूरिया का जन्म भोपाल में हुआ. माता शांता भूरिया भी भीली चित्रकला में एक जाना-पहचाना नाम हैं, जो प्रख्यात भीली चित्रकार हैं. पद्मश्री भूरीबाई रिश्ते में उनकी नानी लगती हैं और मध्य प्रदेश के भीली चित्रकला संसार में उनकी सफलता से आप अत्यंत प्रेरित और प्रभावित रहीं हैं.

बता दें कि रीता भूरिया को बचपन से ही चित्रकला का शौक रहा है, फिर अपनी नानी के सान्निध्य और मार्गदर्शन में परम्परागत भीली चित्रकला की बारिकियों को जाना-समझा और सीखा. नानी के साथ मिलकर उनके चित्रकर्म में सहायता भी की. वर्तमान में रीता भूरिया स्वतंत्र रूप से व्यावसायिक चित्रकला के कार्य में संलग्न हैं.

उन्होंने बैंगलोर, नई दिल्ली, लखनऊ आदि शहरों में आयोजित कुछेक एकल एवं संयुक्त चित्रकला प्रदर्शनियों में भाग लिया. चित्रों में जंगली पशु-पक्षी और प्रकृति विशेषतौर पर दृष्टव्य होते हैं. अपनी सफलता का संपूर्ण श्रेय अपनी कला-गुरु अर्थात् अपनी नानी भूरीबाई को देती हैं. 22वीं शलाका चित्र प्रदर्शनी 30 जनवरी तक निरंतर आदिवर्त जनजातीय संग्रहालय में लोगों के लिए खुली रहेगी.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *