मध्य प्रदेश में बायोकैमिस्ट्री वालों के साथ के साथ हो रहे अन्याय का गहन विश्लेषण


बायोकैमिस्ट्री, जो जीवन विज्ञान (Life Sciences) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, को मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा बॉटनी और जूलॉजी के सहयोगी विषयों (Allied Subjects) की सूची से बाहर कर दिया गया है। यह निर्णय न केवल इस विषय की वैज्ञानिक प्रासंगिकता को नकारता है, बल्कि हजारों छात्रों के भविष्य को भी अंधकारमय बनाता है। आइए इस गंभीर मुद्दे का गहराई से विश्लेषण करें।  

बायोकैमिस्ट्री की महत्ता और प्रासंगिकता

जीवन विज्ञान का अभिन्न अंग

बायोकैमिस्ट्री पौधों और जीव-जंतुओं के रासायनिक और जैविक प्रक्रियाओं का अध्ययन करती है। यह बॉटनी और जूलॉजी के अध्ययन का मूल आधार है।  

CSIR NET और MP SET 2022 एवं 2024 में बायोकैमिस्ट्री को जीवन विज्ञान के विषयों में शामिल किया गया है, जो इसकी महत्ता को दर्शाता है।  

अन्य राज्यों का उदाहरण

राजस्थान, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में बायोकैमिस्ट्री को बॉटनी और जूलॉजी के सहयोगी विषयों में मान्यता प्राप्त है।   2017 की MPPSC असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में भी बायोकैमिस्ट्री को सहयोगी विषयों में शामिल किया गया था।  

अन्य विषयों के साथ असमानता

सहयोगी विषयों की सूची में शामिल अन्य विषय

बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, जेनेटिक्स, जेनेटिक इंजीनियरिंग, बायोइंफॉर्मेटिक्स, इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी जैसे विषयों को सहयोगी विषयों में शामिल किया गया है।  प्रश्न उठता है कि इन विषयों को किस आधार पर बॉटनी और जूलॉजी के लिए अधिक प्रासंगिक माना गया?  

2022 की MPPSC भर्ती में भेदभाव

बायोकैमिस्ट्री के छात्रों को बॉटनी और जूलॉजी में आवेदन का अधिकार नहीं दिया गया, जबकि अन्य सहयोगी विषयों के छात्रों को यह अवसर प्रदान किया गया।  बायोकैमिस्ट्री की केवल एक सीट आरक्षित थी, और वह भी SC पुरुष वर्ग के लिए।  

2024 की MPPSC भर्ती में समस्या

बायोकैमिस्ट्री के लिए न तो कोई अलग सीट आवंटित की गई और न ही इसे सहयोगी विषयों में जोड़ा गया।  इसके विपरीत, बायोटेक्नोलॉजी के लिए 265 नई सीटें आवंटित की गईं और इसे सहयोगी विषयों में बनाए रखा गया।  

दिसंबर 2022 की कमेटी का विवादास्पद निर्णय

23 दिसंबर 2022 को गठित कमेटी ने बायोकैमिस्ट्री को सहयोगी विषयों की सूची से बाहर करने का निर्णय लिया।  

स्पष्टता की कमी

यह निर्णय किन वैज्ञानिक और शैक्षणिक आधारों पर लिया गया, इसकी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई।  

छात्रों के अधिकारों का हनन

इस निर्णय ने हजारों बायोकैमिस्ट्री छात्रों को मानसिक और शैक्षणिक रूप से आहत किया है।  

छात्रों की मांग

हम, बायोकैमिस्ट्री के छात्र और शोधकर्ता, मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा मंत्री, और मुख्यमंत्री से आग्रह करते हैं:  बायोकैमिस्ट्री को पुनः सहयोगी विषयों की सूची में शामिल किया जाए।

2024 की MPPSC असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में बायोकैमिस्ट्री छात्रों को आवेदन का अवसर प्रदान किया जाए।

बायोकैमिस्ट्री के लिए अलग से पर्याप्त सीटें आवंटित की जाएं।

दिसंबर 2022 की कमेटी के निर्णय की समीक्षा की जाए और इसका कारण सार्वजनिक किया जाए।

निष्कर्ष

बायोकैमिस्ट्री के छात्रों को बॉटनी और जूलॉजी के सहयोगी विषयों से बाहर करना एक अनुचित निर्णय है, जो न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन करता है, बल्कि वैज्ञानिक शिक्षा के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ भी है।  

हम उच्च शिक्षा विभाग से अपील करते हैं कि इस विषय की महत्ता को समझते हुए इसे सहयोगी विषयों की सूची में शामिल करें। यह निर्णय हजारों छात्रों के भविष्य को संवारने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

सभी बायोकैमिस्ट्री छात्र एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं और इस अन्याय को समाप्त करने के लिए संघर्ष करें। from: Dr. Virendra Kumar Pushkar <[email protected]>

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