INDORE में केमिकल कांड का खतरा, पीथमपुर में भीड़ ने दूसरी बार हमला किया


सन 1984 में मैनेजमेंट की लापरवाही से भोपाल गैस कांड हो गया था। सन 2024 में एक फैक्ट्री की मॉब लिंचिंग के कारण केमिकल कांड हो सकता है। पिछली बार भोपाल की जनता प्रभावित हुई थी और इस बार इंदौर की जनता प्रभावित हो सकती है। रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज, जिसमें केमिकल का कचरा रखा हुआ है, भीड़ में दूसरी बार हमला किया है। इस बार भी पुलिस ने हमलावरों को खदेड़ा दिया है परंतु अब खतरा बढ़ गया है क्योंकि, यदि इस विरोध प्रदर्शन के बीच में कोई गंभीर आपराधिक साजिश कर रहा है तो अगली बार वह कोई नया तरीका अपना सकता है। 

सबसे पहले पीथमपुर में हुई ताजा घटना का विवरण

पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के जहरीले कचरे के निष्पादन का विरोध शनिवार को तीसरे दिन भी जारी है। आज सुबह करीब 10 बजे तारपुरा गांव से लगी रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज की फैक्ट्री पर पथराव किया गया। इसमें कुछ वाहनों के कांच टूट गए। इसके बाद पुलिस ने लोगों को फैक्ट्री के पास से खदेड़ा। मौके पर तैनात एसडीएम प्रमोद कुमार गुर्जर ने बताया- पथराव की वजह एक अफवाह को बताया जा रहा है। ये अफवाह फैलाई गई थी कि भोपाल से आए कंटेनरों को खोलकर यहां कचरा अनलोड किया जा रहा है। यह भी कहा गया कि अनलोडिंग में एक मजदूर घायल हुआ है। 

केमिकल कांड का खतरा क्यों है 

यह एक ऐसी आशंका है, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं करना चाहता है। 1984 की घटना का डर आज भी बहुत गहरे तक बैठा हुआ है। रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज में इस समय यूनियन कार्बाइड भोपाल का 377 टन और अन्य कई केमिकल फैक्ट्रियों का कचरा मौजूद है। रामकी एनवायरो फैक्ट्री में पिछले 30 साल से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की 150 केमिकल फैक्ट्रियों का कचरा जलाया जा रहा है। लगातार दूसरी बार भीड़ ने फैक्ट्री में घुसने की कोशिश की है। यदि बेकाबू भीड़ रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज परिसर के भीतर घुस गई और ईश्वर ना करें लेकिन कहीं किसी के हाथ से कुछ अप्रिय हो गया, तो स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जा सकेगा क्योंकि केमिकल का रिएक्शन रोकने के लिए मध्य प्रदेश में कोई इंतजाम नहीं है। कृपया एक बात और नोट कीजिए, भोपाल गैस कांड से पहले भी भोपाल में केवल एक पत्रकार था, जो भोपाल गैस कांड की आशंका जाता रहा था।

कल भी एक साजिश हुई थी 

लगातार इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि पीथमपुर में कोई गहरी आपराधिक साजिश रची गई है, जिसको पूरा करने के लिए लोगों को गलत सूचनाएं दी जा रही है और भीड़ को भड़काने के लिए आपराधिक गतिविधियां भी की जा रही है। कल विरोध प्रदर्शन के दौरान जब दो लोग कैमरे में फुटेज और न्यूज़ पेपर में फ्रंट पेज के लिए खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर फोटो वीडियो शूट करवा रहे थे, इस समय किसी ने अचानक उन्हें जिंदा जला दिया। वह तो शुक्र है कि उन्होंने अपने ऊपर बहुत कम मात्रा में पेट्रोल डाला था। इसलिए दोनों बच गए।

रामकी एनवायरो के आसपास आम नागरिकों का प्रवेश प्रतिबंधित

एसडीएम प्रमोद कुमार गुर्जर ने कहा कि, ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कोई कंटेनर नहीं खोला गया है। मैंने खुद सभी कंटेनरों को चेक किया है। उन्होंने कहा कि इलाके में पूरी तरह शांति है। स्थिति हमारे नियंत्रण में है। फैक्ट्री परिसर और इसके 100 मीटर दायरे में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। इसका उल्लंघन करने वाले पर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस नहीं पैरामिलिट्री तैनात कीजिए 

मामला संवेदनशील है और स्थिति गंभीर हो गई है। हम भीड़ को खतरे के निशान तक पहुंचाने का इंतजार नहीं कर सकते। लोकल पुलिस, कलेक्टर की धारा 144 का पालन करवाने में, हो सकता है चूक जाए। लोकल पुलिस फोर्स की संख्या कम है और फिर प्रदर्शनकारियों से उनका अपना परिचय भी तो है। क्या पता कोई अपराधी, लोकल पुलिस की मानवीयता का दुरुपयोग कर ले। इसलिए फैक्ट्री की सुरक्षा के लिए पैरा मिलिट्री फोर्स तैनात किया जाना जरूरी है।

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