INDORE NEWS – पीथमपुर में दो प्रदर्शनकारियों को जिंदा जलाने की कोशिश
धार जिले में लेकिन इंदौर के नजदीक पीथमपुर इंडस्ट्रियल एरिया में आज मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ बाजार बंद का आयोजन किया गया। यहां ट्रैफिक जाम कर रहे दो प्रदर्शनकारियों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई। इसके बाद इस घटना को आत्महत्या की कोशिश प्रचारित किया गया। यह सब कुछ इसलिए किया गया था कि मामले को गंभीर बनाया जा सके और इसके कारण नेशनल मीडिया पर अटेंशन मिले।
40 साल पुराने कचरे से आग लगाने की कोशिश
उल्लेख करना अनिवार्य है कि, भोपाल गैस कांड वाली यूनियन कार्बाइड केमिकल फैक्ट्री का 40 साल पुराना कचरा नष्ट करने का टेंडर रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज द्वारा लिया गया है। हाई कोर्ट के आदेश पर मध्य प्रदेश शासन द्वारा 377 टन कचरा, 12 ट्रक में भरकर रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज में भेज दिया गया। यह इंडस्ट्री इंदौर के नजदीक पीथमपुर में स्थित है। यहां पर इंदौर सहित आसपास के कई इलाकों की केमिकल फैक्ट्री का कचरा नियमित रूप से नष्ट किया जाता है। अगले 6 महीने में यूनियन कार्बाइड का कचरा भी नष्ट कर दिया जाएगा, लेकिन सारी जानकारी को छुपा कर बड़ी ही चतुराई के साथ सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए गए हैं। 40 साल पुराने कचरे से पब्लिक के दिलों में आग लगाने की कोशिश की जा रही है।
पीथमपुर – ना आत्महत्या ना हादसा, दो लोगों को जिंदा जलाने की कोशिश की गई है
पीथमपुर बचाओ समिति, पीथमपुर रक्षा मंच, कांग्रेस, भाजपा, राठौर समाज, क्षत्रिय समाज, सेन समाज, आदिवासी समाज, ऑल ट्रेड यूनियन इत्यादि संगठनोंके बैनर तले आज पीथमपुर बंद का आह्वान किया गया था। इस दौरान चक्का जाम भी कर दिया गया। वायरल वीडियो में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि, भारी भीड़ के बीच और कैमरे के सामने, पहले से फिक्स की गई स्क्रिप्ट के तहत राजकुमार रघुवंशी और राजू पटले ने अपने ऊपर पेट्रोल डाल लिया। जैसा कि निर्धारित था, नजदीक खड़े उनके साथियों ने उन्हें ऐसा करने से रोका। इसके बाद मीडिया के सामने नारेबाजी और बयानबाजी होनी थी परंतु इससे पहले अचानक किसी ने पीछे से आग लगा दी। दोनों कार्यकर्ताओं को जिंदा जलाने की कोशिश की गई। इसके बाद पूर्व योजना के तहत इस घटना को दो लोगों द्वारा “आत्महत्या की कोशिश” प्रचारित किया गया। जबकि वीडियो में स्पष्ट रूप से “हत्या का प्रयास” दिखाई दे रहा है। संवेदनशील होने के कारण वीडियो को इस समाचार के साथ संलग्न नहीं किया जा रहा है परंतु सोशल मीडिया पर उपलब्ध है और पुलिस रिकॉर्ड में भी है।
जिस कचरे से जान का खतरा उसी के पास जा रहे थे लोग
बुधवार रात को भोपाल के यूनियन कार्बाइड से करीब 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 12 कंटेनर में भरकर पीथमपुर भेजा गया था। जिसे रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज में नष्ट किया जाना है। कचरे को यहां नष्ट करने का विरोध कर रहे लोगों ने रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज जाने की कोशिश की, पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें रोक लिया है। जरा सोचिए यदि पुलिस उन्हें रोकने में सफल नहीं हो पाती और लोग भोपाल से ले गए जहरीले कचरे के पास चले जाते तो क्या होता। जीतू पटवारी की थ्योरी के अनुसार उनकी मृत्यु हो जाती। सुमित्रा महाजन की थ्योरी के अनुसार मृत्यु भी हो सकती थी या नहीं भी हो सकती थी। भाजपा विधायक नीना वर्मा की थ्योरी के अनुसार, पहले उन्हें बताया जाना चाहिए था। जबकि विशेषज्ञों के अनुसार वह कचरा इतना खराब हो गया है क्या उसमें मच्छर पैदा होने लगे हैं। उस केमिकल के जहर के कारण चूहा भी नहीं मरता।
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