पर्यटकों के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग की चेतावनी, उत्तराखंड, हिमाचल एवं जम्मू कश्मीर


IMD – India Meteorological Department (भारत मौसम विज्ञान विभाग) ने भारत के उत्तर में हिमालय एवं उसके आसपास वाले पहाड़ों में पर्यटन के लिए जाने वाले नागरिकों के लिए आवश्यक और गंभीर स्थिति की चेतावनी जारी की है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार उत्तर के पहाड़ों में भारी बर्फबारी होने की संभावना है। इसके कारण लैंडस्लाइडिंग भी हो सकती है।

बर्फ़बारी और भूस्खलन का ख़तरा बढ़ गया है

भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पिछले पश्चिमी विक्षोभ के अवशेष अभी भी उत्तरी पहाड़ों पर घूम रहे हैं। पहाड़ियाँ और घाटियाँ बादलों और कोहरे से घिरी हुई हैं। सभी चोटियाँ पहले ही बर्फ की मोटी परत से ढक चुकी हैं। आने वाले दिनों में और बर्फबारी की संभावना है, जिससे बर्फ़बारी और भूस्खलन का ख़तरा बढ़ गया है और साथ ही बर्फ़बारी के कारण कई तरह की बाधाएँ भी आ सकती हैं।

जम्मू और कश्मीर में एक और WD आने वाला है

अफगानिस्तान और ईरान के कुछ हिस्सों में ताजा पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) देखा गया है। ऐसा लगता है कि कल देर रात एक सक्रिय मौसम प्रणाली जम्मू और कश्मीर के बाहरी इलाकों में पहुँच जाएगी। मुख्य प्रणाली और इसके प्रेरित परिसंचरण एक दिन बाद, 05 जनवरी 2025 को पंजाब के राज्य और मैदानी इलाकों के ठीक ऊपर होंगे। 

सड़कों पर भारी बर्फबारी की संभावना है

जबकि उत्तर के मैदानी इलाकों में छिटपुट हल्की बारिश हो सकती है, 05 और 06 जनवरी 2025 को पहाड़ों के लिए परेशानी का अनुमान है। लोकप्रिय रिसॉर्ट्स और संपर्क सड़कों पर भी भारी बर्फबारी की संभावना है। आगंतुकों और पर्यटकों के लिए मुश्किल समय होगा और इसलिए ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहें।

मुख्य राजमार्गों के अवरुद्ध और बंद रहने की संभावना है

बर्फ के नए ढेरों के कारण ढलानों से बर्फ के ऊंचे टीलों के फिसलने की संभावना बढ़ जाती है, जो बहुत तेज़ गति और गति से गिरते हैं और उनके रास्ते में आने वाली हर चीज़ को नुकसान पहुंचाते हैं। मुख्य सड़कें जाम होने की संभावना है और मुख्य राजमार्गों के अवरुद्ध और बंद रहने की संभावना है।

एयर ट्रैफिक भी सस्पेंड हो सकता है

रनवे पर बर्फ जमा होने के कारण हवाई संचालन को भी निलंबित किए जाने का जोखिम होगा और इससे निकासी में काफी देरी होगी। राज्य सरकारों को भी अपने संसाधनों के क्षमता उपयोग का सावधानीपूर्वक आकलन करने और ज़रूरत पड़ने पर आगंतुकों को प्रतिबंधित करने की आवश्यकता है।

श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम मौसम का पूर्वानुमान

मौसम की गतिविधियों का सबसे ज़्यादा असर कश्मीर घाटी पर पड़ेगा, जिसमें श्रीनगर, गुलमर्ग, सोनमर्ग और पहलगाम में बारिश की संभावना है। ऊंचे इलाकों में तो और भी बुरा हाल रहेगा। हिमाचल प्रदेश में भी यही स्थिति रहेगी। 

लाहौल-स्पीति में तापमान पहले ही -15 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है और रोहतांग-ला क्षेत्र में यह और भी गिरकर -20 डिग्री सेल्सियस या उससे भी कम हो गया है। 7 से 9 जनवरी के बीच मौसम की स्थिति बेहतर हो जाएगी। ध्यान रहे, अगले हफ़्ते के दूसरे हिस्से में होने वाले अगले हमले से पहले यह एक छोटा सा ब्रेक होगा। 

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