Legal advice – समझौता लीगल है, फिर भी व्यक्ति आपराधिक षड्यंत्र का दोषी होगा, जानिए
पिछले लेख में हमने आपको बताया था कि दो या अधिक व्यक्तियों के बीच मे किया गया अवैध कार्य या समझौता, भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(1) के अंतर्गत आपराधिक षड्यंत्र का अपराध होगा लेकिन भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(1) के खण्ड क्रमांक 03 में बताया गया कि अगर समझौता वैध है एवं उसमे अवैध साधनों का उपयोग किया गया है, तब व्यक्ति आपराधिक षड्यंत्र का दोषी हो सकता है, जानिए:-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61(1) के उपखण्ड 03 की परिभाषा
अगर दो या अधिक व्यक्ति कोई वैध समझौता करते है और उसमे अवैध साधनो (वस्तुओं, चीजों) का उपयोग किया जाता है। तब यह भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 61(1) के खंड 03 के अंतर्गत दोषी होगा।
इससे संबंधित महत्वपूर्ण जजमेंट जानिए :-
लेनार्ट स्चूस्लर तथा अन्य बनाम डायरेक्टर ऑफ एन फार्समेन्ट तथा अन्य मामले में आरोपियों के विरुद्ध आपराधिक षड्यंत्र द्वारा अवैध रूप से विदेशी मुद्रा अर्जित करने का आरोप था। सुप्रीम कोर्ट ने अभिनिर्धारित किया कि आरोपियों का कार्य वैध था लेकिन उन्होंने इस कार्य को अवैध तरीके से किया था, इसलिए वह आपराधिक षड्यंत्र के अपराध के दोषी होंगे। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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