Kamal Nath के कैसे दिन, मोहन सरकार की समीक्षा को किसी ने महत्व नहीं दिया


स्वयं को युवा मानने वाले 78 साल के नेता कमलनाथ के यह कैसे दिन चल रहे हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश की मोहन सरकार की 1 साल की विस्तार पूर्वक समीक्षा की। आर्टिकल लिखकर समाचार पत्र के संपादकों के पास भेजा परंतु सिर्फ तीन समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ, शेष किसी ने कमलनाथ को महत्व ही नहीं दिया। सिर्फ इतना ही नहीं 15 लाख फॉलोअर्स वाले X पर केवल 69 View मिले। 

बागेश्वर वाले और कुमार विश्वास से भी काम नहीं बन पाया

उद्योगपति परिवार के नेता कमलनाथ, 2023 में लोकसभा चुनाव के बाद से ही, राजनीति में स्वयं को प्रासंगिक बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। हाई कमान के कनेक्शन के कारण सब पर शासन करने की 40 साल की आदत छूट नहीं पा रही है, लेकिन इस बार हाई कमान से कनेक्शन बन ही नहीं पा रहा है। बागेश्वर वालों से लेकर कुमार विश्वास तक सब प्रयोग करके देख लिए। कोई मंत्र काम नहीं कर रहा है। उल्लेख तो करना होगा की कमलनाथ की बर्थडे पार्टी हमेशा हाई प्रोफाइल से भी ऊपर वाली प्रोफाइल में मनाई जाती थी। पहली बार उन्होंने जनता से जोड़ने की कोशिश की और कुमार विश्वास को छिंदवाड़ा बुलाया। 

मध्य प्रदेश की समस्याओं के समाधान के लिए कमलनाथ नहीं चाहिए

कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने तो मध्य प्रदेश पर 10 साल तक शासन किया था। उनकी हजारों झूठी सच्ची कहानी आज भी सुनाई जाती हैं। मध्य प्रदेश की जनता ने दिग्विजय सिंह को स्पष्ट तौर पर रिजेक्ट कर दिया है परंतु कांग्रेस पार्टी में दिग्विजय सिंह की पकड़ मजबूत है। हाई कमान उन्हें पसंद नहीं करता परंतु इतनी नफरत भी नहीं करता, जितनी कमलनाथ से करता है। कमलनाथ के हाथ में अब कुछ भी नहीं है। जनता वाली जेब में जनता पहले ही नहीं थी। पार्टी वाली पॉकेट 2023 में कट गई। कमलनाथ लगातार मध्य प्रदेश की समस्याओं को उठा रहे हैं परंतु सोशल मीडिया पर भी एक मैसेज लाउड एंड क्लियर दिखाई दे रहा है। मध्य प्रदेश की समस्याओं के समाधान के लिए कोई नेता चाहिए परंतु कमलनाथ नहीं चाहिए।





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