Year Ender 2024: प्रभात झा से लेकर संत सियाराम बाबा तक साल 2024 में मध्य प्रदेश के इन प्रमुख राजनेताओं और शख्सियतों ने दुनिया को कहा अलविदा
Year Ender 2024: साल 2024 समाप्त होने में महज अब तीन दिन ही बाकी हैं और नया साल 2025 शुरू होने वाला है। ऐसे में आज हम आपको मध्य प्रदेश से जुड़े उन राजनेताओं और प्रमुख शख्सियतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने साल 2024 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। इसमें प्रभात झा, आरिफ अखिल जैसे दिग्गज नेताओं के अलावा संत सियाराम बाबा समेत कई प्रमुख लोगों के नाम शामिल हैं। आइए एक नजर डालते हैं साल 2024 में दुनिया को अलविदा कहने वाले राजनेताओं और खास शख्सियतों की लिस्ट पर…
प्रभात झा
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष रहे प्रभात झा का निधन 26 जुलाई 2024 को हृदय गति रुकने से हो गया था। प्रभात झा पेशे से एक पत्रकार थे। बाद में वह राजनीति में आ गए। भाजपा में कई पदों पर रहे। वह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी नियुक्त हुए थे, पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रहे।
आरिफ अकील
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे आरिफ का अकील का निधन 29 जुलाई 2024 को हुआ था। आरिफ अकील भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट से 6 बार विधायक रहे। वहीं, दो बार मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री बनाए गए, उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण, जेल और खाद्य विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। आरिफ अकील पहली बार 1990 में विधायक बने थे।
माधवी राजे सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे सिंधिया का निधन 15 मई 2024 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हुआ था। बता दें कि माधवी सिंधिया भी एक शाही परिवार से आती हैं। उनके मायके का भी गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। माधवी राजे सिंधिया के दादा जु्द्ध शमशेर जंग बहादुर नेपाल के प्रधानमंत्री रहे हैं।किसी वक्त में वो राणा डायनेस्टी के मुखिया भी रहे थे। माधवी राजे सिंधिया को प्रिंसेज किरण राज्य लक्ष्मी देवी के नाम से भी जाना जाता था। साल 1966 में ग्वालियर के महाराजा यानी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया से नेपाल के शाही घराने की राजकुमारी माधवी का विवाह हुआ था।
संत सियाराम बाबा
पूरे भारत में अपने तप और त्याग के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के खरगोन के संत सियाराम बाबा का निधन 11 दिसंबर 2024 मोक्षदा एकादशी के दिन हुआ था। उन्होंने 110 वर्ष की आयु में अपनी देह त्यागी थी। सियाराम बाबा ने साल 1933 से नर्मदा नदी के किनारे तपस्या शुरू की थी। उन्होंने यहां 10 वर्षों तक खड़े रहकर मौन तपस्या की और समाज के बीच अपनी विशेष पहचान बनाई थी। हालांकि बाबा का असली नाम आज भी किसी को नहीं पता। उनके अनुयायियों की मानें तो पहली बार उनके मुख से “सियाराम” शब्द निकला, जिसके बाद से उन्हें संत सियाराम बाबा के नाम से जाना जाने लगा। बाबा ने 7 दशक तक लगातार रामचरितमानस का पाठ किया और श्रीराम धुन का संचालन करवाया था।
पूनमचंद यादव
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का 3 सितंबर 2024 को निधन हो गया था। उन्होंने 100 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। पूनमचंद यादव ने अपने जीवन में काफी मेहनत की थी। उन्होंने बेटे नंदू यादव, मोहन यादव, नारायण यादव और बेटी कलावती, शांति देवी को अच्छी शिक्षा दिलाई। उनके पिता रतलाम से उज्जैन आ गए और सबसे पहले हीरा मिल में नौकरी की थी।
देवेंद्र सिंह तोमर
मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बड़े भाई देवेंद्र तोमर का निधन 9 दिसंबर 2024 को भोपाल के एक अस्पताल में हुआ था।देवेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर नगर निगम में तीन बार पार्षद रह चुके थे। वह नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी भी निभा चुके थे। ग्वालियर शहर में उनकी पहचान सीनियर नेता के तौर पर होती थी। बताया जाता है कि मोहन सरकार में मंत्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के राजनीतिक गुरू उनके भाई देवेंद्र तोमर ही माने जाते थे।
सविता वाजपेयी
प्रसिद्ध समाजवादी नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मंत्री सविता वाजपेई का 26 दिसंबर 2024 को लंबी बीमारी के बाद एक अस्पताल में निधन हो गया था। वरिष्ठ पत्रकार बालमुकुंद भारती की धर्मपत्नी सविता वाजपेई 87 वर्ष की थीं। वाजपेई साल 1977 में जनता पार्टी के शासन के दौरान मध्य प्रदेश की सीहोर सीट से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सुर्खियों में आई थीं. वह तीन बार राज्य में मंत्री रह चुकी थीं। बता दें कि सविता वाजपेई जनता पार्टी शासन काल के तीनों मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, वीरेंद्र सकलेचा, और सुंदरलाल पटवा के मंत्रिमंडल में क्रमशः राज्य मंत्री और मंत्री के पद पर रहीं थी।
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