MP में साल 2024 की वो पांच बड़ी राजनीतिक घटनाएं, जिसने देश की सियासत में मचा दी थी खलबली…
भोपाल। मध्य प्रदेश के लिए साल 2024 बड़ा ही रोचक रहा, इस साल प्रदेश की राजनीति में कई बड़े बदलाव और चर्चित घटनाओं ने हलचल मचाई। बीजेपी-कांग्रेस की सियासी लड़ाई के साथ राज्य कई अनोखी घटनाओं का भी गवाह बना। प्रदेश में ऐसी कई घटनाएं हुईं, जिसमें कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा, तो वहीं भाजपा में भी हलचल मची। लल्लूराम डॉट कॉम आपको यहां ऐसी ही पांच राजनीतिक घटनाओं से रूबरू करवा रहा है, जिसके घटने से सियासी हलचल बढ़ गई थी।
1. इंदौर में नामांकन वापसी और कांग्रेस प्रत्याशी के भाजपा में शामिल होने की घटना
घटना अप्रैल 2024 की है, पूरे देश में लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका था। इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना पर्चा ही वापस ले लिया। उसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। ये देश की राजनीति में अनोखी घटना थी।
2. छिंदवाड़ा में नकुल नाथ की हार, मोहन ने कमलनाथ का किला ढहाया
साल 2024 के लोकसभा चुनाव में एमपी में भाजपा ने इतिहास रचते हुए सभी 29 सीटों पर जीत हासिल की। 50 वर्षों से कांग्रेस के कमलनाथ का किला रही छिंदवाड़ा सीट से नकुल नाथ चुनाव हार गए। ऐतिहासिक जीत के पीछे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की रणनीति का काम करना माना गया। कमलनाथ यहां से 9 बार सांसद रहे, जबकि उनके बेटे नकुल एक बार सांसद रहे। लेकिन बीजेपी ने उनका किला ढहा दिया।
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3. बीजेपी के मौजूदा मंत्री की उपचुनाव में हार
लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए रामनिवास रावत को भाजपा ने मंत्री बना दिया। रावत इस समय श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से कांग्रेस के विधायक थे। उनके इस्तीफे के बाद यहां उपचुनाव हुए, जिसमें बीजेपी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया। प्रदेश में खुद भाजपा की सरकार थी, ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि वे इस सीट से आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। लेकिन जब चुनाव के परिणाम सामने आए तो दिग्गजों के होश उड़ गए। यहां कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता मुकेश मल्होत्रा ने रावत को हरा दिया। यह घटना भाजपा के लिए बड़ा झटका रही।
4. निर्मला सप्रे का पेंडुलम विवाद
मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे भाजपा में हैं या कांग्रेस में? इस सवाल का जवाब तो खुद सप्रे के पास भी नहीं है। निर्मला को बीना जिला बनाने का श्रेय लेने के लिए भाजपा में शामिल होने की सूझी, लेकिन मामला ऐसा फंसा कि न वे भाजपा में आ पाई, न ही कांग्रेस की रह पाईं। मामला हाई कोर्ट में है और निर्मला ‘गायब’ है।
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5. बीजेपी में गुटबाजी की आहट, पूर्व मंत्री ने दिखाए बागी तेवर
साल 2024 के जाते-जाते भाजपा में गुटबाजी दिखाई दे रही है। बीजेपी वर्तमान विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने बागी तेवर दिखाते हुए अपनी ही सरकार को घेरना शुरू कर दिया। जिससे वरिष्ठ नेता भी नाराज है। हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व मंत्री व वर्तमान खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह ने खुद की सरकार को खूब घेरा। इसके पीछे कारण कांग्रेस से भाजपा में आए मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और विधायक निर्मला सप्रे से उन्हें खतरा महसूस होना बताया जा रहा है। दोनों भी सागर जिले से ही प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा उन्होंने आरटीओ टैक्स वसूली का भी मुद्दा उठाते हुए अपनी सरकार निशाना साधते हुए कई बड़े आरोप लगा दिए।
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