काले धन का साम्राज्य, कितना राज ! ED ने सौरभ शर्मा पर किया केस दर्ज, IT को मिला था 52KG गोल्ड और 10 करोड़ कैश; Lalluram.com ने लोकायुक्त की कार्रवाई पर उठाया सवाल, क्या सौरभ को पहले से थी छापे की जानकारी
शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के पूर्व कर्मचारी सौरभ शर्मा की मुश्किलें बढ़ गई है। लोकायुक्त के छापे के बाद अब ईडी ने सौरभ शर्मा पर केस दर्ज किया है। वहीं डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस भी जांच में जुटी हुई है। डीआरई सोने के बिस्कुट का सोर्स तलाशने में जुटा हुआ है।
एमपी के परिवहन विभाग के पूर्व कर्मचारी सौरभ शर्मा और उसके साथी चेतन गौर के घर लोकायुक्त के छापे के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है। दुबई से लौटने के बाद सौरभ शर्मा और उसके परिवार से जांच एजेंसियां पूछताछ करेगी।
लोकायुक्त की कार्रवाई पर उठे सवाल
इधर, चेतन के घर पर खड़ी इनोवा कार का CCTV फुटेज सामने आया है। गाड़ी के घर से निकलते हुए वीडियो भी सामने आया। जिसमें दिख रहा है कि इसी इनोवा से 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मिला था। सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद लोकायुक्त की कार्रवाई पर अब सवाल उठ रहे हैं। क्या लोकायुक्त टीम के छापे की जानकारी सौरभ शर्मा तक पहले ही लीक हो गई थी ? क्या इसी तरह की और इनोवा गाड़ियों के जरिए पैसा ठिकाने लगाया गया है ? यह बड़ा सवाल है।
18 दिसंबर को लोकायुक्त की रेड, IT ने बरामद किया था सोना और कैश
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में छापेमार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी की एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी खाली प्लॉट पर खड़ी है। जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए हैं। कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था। जिसके बाद IT की टीम ने कांच तोड़कर अंदर से बैग बाहर निकला, जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था।
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सौरभ के घर से मिले थे करोड़ों रुपये
लोकायुक्त टीम ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित निवास पर भी छापा मारा था। जहां से वाहन, घर के सामान, आभूषण और नगद जिसकी कुल कीमत 3 करोड़ 86 लाख रुपये है। वहीं आरोपी के कार्यालय जहां उनका सहयोगी चेतन सिंह गौर का निवास भी है, वहां से चांदी और नगद, कुल 4 करोड़ 12 लाख की संपत्ति बरामद की गई थी।बताया जा रहा है कि प्रदेश के अलग-अलग जगह पर बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले थे। सौरभ शर्मा को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। उन्होंने सिर्फ 10-12 साल की नौकरी की, फिर परिवहन विभाग से वीआरएस ले लिया था।
IT की रडार पर परिवहन विभाग
आयकर विभाग की रडार पर अब प्रदेश का पूरा परिवहन विभाग है। दरअसल, जांच अधिकारियों के हाथ लगी सौरभ की डायरी से बड़ा खुलासा हुआ है। डायरी की मानें तो परिवहन विभाग में हर साल 100 करोड़ का काला हिसाब होता था। प्रदेश के 52 RTO और बड़े अफसरों के नाम, नंबर, पता के साथ हर माह पहुंचने वाली रकम लिखी है। उगाही की काली कमाई का पैसा ऊपर तक पहुंचाने का अनुमान है।
केंद्र की प्रवर्तन निदेशालय एफआईयू (फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन) यूनिट भी मामले में जुटी है। सौरभ के सहयोगी चेतन का 150 पन्ने में बयान दर्ज हुआ है। चेतन ने अफसरों के साथ कई बड़े नेताओं से सौरभ के गठजोड़ का भी खुलासा किया है। चेतन के बयान पर विदेश में काली कमाई के निवेश को लेकर अफसरों ने पड़ताल शुरू कर दी है। फिलहाल इस पूरे मामले में लोकायुक्त, आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय, तीनों जांच एजेंसियां जांच में जुटी हुई है।
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