नेहा मारव्या IAS – खुद को मंत्रालय का कैदी बताया, फिर से व्हाट्सएप पोस्टर वायरल हो गई
भारतीय प्रशासनिक सेवा 2011 बैच की महिला अधिकारी नेहा मारव्या की एक व्हाट्सएप पोस्ट फिर से वायरल हो गई है। इसमें उन्होंने खुद को मंत्रालय का कैदी बताया है। यह व्हाट्सएप पोस्ट उस समय वायरल हुई है जब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आईएएस सर्विस मीट 2025 (आईएएस अधिकारियों का वार्षिक सम्मेलन जिसमें सभी अधिकारी परिवार सहित शामिल होते हैं।) चल रही है। यह बिल्कुल ऐसा ही है जैसे किसी फेस्टिवल के समय जब परिवार के सभी लोग एकत्रित हुए हैं तब अचानक घर की एक लड़की चीखने लग जाए।
नेहा मारव्या की व्हाट्सएप पोस्ट पहली बार वायरल नहीं हुई
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के जिस ग्रुप में नेहा मारव्या ने अपनी बात पोस्ट की। वह सार्वजनिक नहीं बल्कि गोपनीय है। पिछली बार जुलाई 2022 में नेहा मारव्या ने महिला आईएएस अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में पोस्ट किया था। वह भी गोपनीय व्हाट्सएप ग्रुप था। उसे समय भी सिर्फ नेहा मारव्या की पोस्ट वायरल हुई थी। इस बार भी नेहा मारव्या की पोस्ट वायरल हुई है। इसमें उन्होंने बताया है कि पिछले 9 महीने से उन्हें मंत्रालय में बिठाकर रखा गया है। कोई काम नहीं दिया जा रहा है। फील्ड पोस्टिंग नहीं दे रहे हैं। इस प्रकार उन्होंने खुद को पीड़ित बताया है। यह भी लिखा है कि वह मंत्रालय की दीवारों में कैद होकर रह गई है।
टोटल कितने सवाल जिनके जवाब चाहिए
- हमेशा नेहा मारव्या की व्हाट्सएप पोस्ट क्यों वायरल हो जाती है। वह कौन है जो नेहा मारव्या की पोस्ट के स्क्रीनशॉट लीक कर देता है।
- केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे नेता और बसंत प्रताप सिंह जैसे मुख्य सचिव तक, सबको कानून का डंडा दिखाने वाली नेहा मारव्या क्या सचमुच एक विक्टिम है।
- मध्य प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन संविदा नियुक्ति घोटाले का क्या हुआ।
नेहा मारव्या IAS – सिस्टम से पीड़ित या सिस्टम के लिए समस्या
- नेहा मारव्या को कई बार फील्ड पोस्टिंग दी गई। जिला पंचायत जबलपुर, जिला पंचायत दतिया, राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल और जिला पंचायत शिवपुरी में मुख्य कार्यपालिका अधिकारी की पद पर पदस्थापना दी गई, लेकिन हर बार कोड़े कुर्सी पर बैठी बवाल शुरू हो जाता था। कोई ना कोई बड़ा विवाद हो जाता था। 5 साल में चार बार ट्रांसफर किया गया। फिर भी कुर्सी पर बैठी विवाद करने की आदत खत्म नहीं हुई।
- शिवपुरी में तो बड़ा बवाल मचाया था। किसान से लेकर कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव और मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया तक सबकी हालत खराब कर दी थी।
- बेचारे किसान ने आवेदन में इच्छा मृत्यु मांग ली थी। नेहा मारव्या IAS ने उसके आवेदन पर पुलिस अधीक्षक को आवेशित किया कि IPC/CRPC के तहत किसान के खिलाफ मामला दर्ज करके उसे जेल में डाल दो। पत्रकारों ने वीडियो वायरल कर दिया तो पत्रकारों के कलेक्ट्रेट में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था।
- कलेक्टर के उपयोग के लिए एक सफारी वाहन किराए पर लिया गया था। नेहा मारव्या IAS ने उसका पेमेंट रोक दिया था। कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव को अपनी अपने सेविंग खाते से चेक देना पड़ा था।
- तत्कालीन वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का उनकी विधानसभा शिवपुरी में होने वाला कार्यक्रम अंतिम समय में निरस्त कर दिया था।
- वर्ष 2014 में गुना लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रचार वाहन के विरुद्ध बेवजह कार्रवाई करने के कारण चुनाव आयोग ने इनका तबादला आदेश जारी कर दिया था।
ऐसे दर्जनों उदाहरण है। किसी भी मामले में नोटशीट जारी कर दी थी। जब इन्हें भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कैसा व्यवहार करें, प्रशिक्षण देने के लिए मुख्यमंत्री और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के अधीन उप सचिव पदस्थ किया गया तो वहां पर भी इन्होंने मनीष रस्तोगी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगा दिया था।