MP POLICE BHARTI में हाई कोर्ट द्वारा मेरिट वालों को उनकी इच्छा अनुसार पोस्टिंग के आदेश
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की डिवीजन बैंच ने याचिका की प्रथम सुनवाई पर याचिका का अंतिम निराकरण करते हुए विधि जगत मे अतिमहत्वपूर्ण फैसला पारित करके प्रमुख सचिव, गृह विभाग, डीजीपी पीएचक्यू भोपाल तथा एडीजी (चयन) भोपाल को आदेशित किया गया है कि 2016 की पुलिस भर्ती में, आरक्षित वर्ग मे पदस्थापित याचिकाकर्ताओ की एसएएफ़ से उनकी चॉइस के अनुसार उनके वर्ग मे पदस्थपना की जाए।
प्रवीण कुमार कुर्मी बनाम मध्य प्रदेश शासन
ज्ञातव्य हो की उक्त याचिकाकर्ताओ द्वारा 2022 मे जबलपुर, इंदौर, ग्वालियर हाईकोर्ट मे याचिका क्रमांक 21121/2022 तथा 21152/2022 दायर करके सुप्रीम कोर्ट के मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार पदस्थपना दिए जाने की राहत चाही गई थी। उक्त याचिकाओं को हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने निस्तारित करके डीजी (चयन) पीएचक्यू भोपाल को निर्देशित किया गया था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवीण कुमार कुर्मी बनाम मध्य प्रदेश शासन के केस मे परित फैसला दिनांक 24/02/2022 के अनुसार याचिकाकर्ताओ की पोस्टिंग की जाए। डीजीपी/एडीजी पीएचक्यू भोपाल ने उक्त या चिकन मे पारित फैसले के अनुपालन मे याचिकाकर्ताओ द्वारा प्रस्तुत अभ्यावेदन को यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि, उनकी पोस्टिंग उनकी चॉइस के अनुसार ही की गई है।
अधिकारियों ने मेरिट वालों को जबरदस्ती SAF में डाल दिया
तब पुनः उक्त याचिकाकर्ताओ द्वारा हाईकोर्ट मे वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से याचिका क्रमांक wp/34551/2024दायर करके पीएचक्यू के आदेश की वैधानिकता को चुनौती दी गई। उक्त याचिका की दिनांक 20/12/2024 को मुख्य न्यायमूर्ति श्री सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक कुमार जैन की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई। याचिका कर्ताओ के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया की याचिका कर्ता ओबीसी वर्ग के है, जिनके अधिक अंक होने से उनको अनारक्षित वर्ग मे परिवर्तन करके एसएएफ़ मे पोस्टिंग कर दी गई है, जबकी उनसे कम अंक प्राप्त करने वाले आरक्षित वर्ग के अनेक अभयार्थियों को अनारक्षित वर्ग मे ही जिला पुलिस बल मे पोस्टिंग की गई है तथा ओबीसी के लिए आरक्षित 1090 पदों में से 889 पद रिक्त दर्शाकर केरिफार्वर्ट कर दिए गए तथा 125 अभ्यर्थियो को ओबीसी मे सिलेक्ट किया जाकर शेष ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियो को प्रतिभावान (मेरिटोरियस) पाकर अनारक्षित वर्ग मे परिवर्तित करके उनकी एसएएफ़ मे पोस्टिंग कर दी गई। जबकी अनारक्षित वर्ग की जिला पुलिस बल मे मेरिट याचिकाकर्ताओ से कम है।
कोर्ट को बताया गया, राहुल मेहरा (SC) वर्ग का है जिसकी मेरिट 59.77 है एवं उसे अनारक्षित वर्ग मे जिला पुलिस बल विदिशा मे पोस्टिंग दी गई है। इसी प्रकार लोकेन्द्र डमार (ST) जिसकी मेरिट 61.35 अंक है उसे अनारक्षित वर्ग मे जिला पुलिस बल नीमच मे पोस्टिंग दी गई है जबकि याचिकाकर्ता रामराज पटेल 64.53, गजेंद्र सिंह पवार 64.39, तथा आकाश पटेल 61.85 अंक अर्जित करने पर भी उनकी चॉइस को दरकिनार कर अनारक्षित वर्ग मे मे एसएएफ़ मे पोस्टिंग दी गई है जो समानता के सिद्धांत के विरुद्ध है। अतः याचिकाकर्ताओ को उनके वर्ग मे चॉइस अनुसार पदस्थपना दी जाना चाहिए थी। तत संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा साहनी तथा मध्य प्रदेश की पुलिस भर्ती 2017 की नियुक्तियों मे की गई इसी प्रकार की गलतियों का सुधार करने हेतु प्रवीण कुमार कुर्मी बनाम मध्य प्रदेश शासन मे रेखांकित किया गया है। ताकि आरक्षित वर्ग के प्रतिभावान अभ्यर्थियो को आँकी चॉइस के अनुसार पोस्टिंग दी जाए।
मेरिटोरियस कैंडिडेट्स को पोस्टिंग मामले में हाई कोर्ट मध्य प्रदेश का फैसला
हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के उक्त तर्को से सहमत होते हुए डीजीपी पीएचक्यू, एडीजी चयन पीएचक्यू द्वारा पारित आदेशों को ध्वस्त करके याचिकाकर्ताओ को अनारक्षित वर्ग से उनकी केरेगीरी मे चॉइस के अनुसार पोस्टिंग दिए जाने का आदेश पारित किया गया। याचिका कर्ताओ की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, रामभजन लोधी तथा सुभंशु कौल ने की।