MP SCHOOL SHIKSHA – 8000 टॉपर्स की स्कूटी कैंसिल, लैपटॉप बजट के बाद


मध्य प्रदेश शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मध्य प्रदेश राज्य में संचालित 7,790 सरकारी स्कूलों के टॉपर्स की स्कूटी कैंसिल कर दी है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से पहले प्रत्येक टॉपर को स्कूटी के लिए औसत एक लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। मुख्यमंत्री के बदलने के बाद अधिकारी भी पलट गए और वर्तमान स्कूल शिक्षा मंत्री अपने अधिकारियों का ब्लाइंड सपोर्ट करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने भाषण में कहा था कि लैपटॉप वाली योजना बंद नहीं होगी। इसलिए डिपार्टमेंट में लैपटॉप के लिए लिखा पढ़ी चल रही है। 

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में स्कूटी कैंसिल क्यों हुई

चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि प्रत्येक स्कूल के टॉपर को स्कूटी दी जाएगी। मध्य प्रदेश में टोटल 7790 सरकारी स्कूल है। टॉपर्स को पेट्रोल और इलेक्ट्रिक में से कोई भी स्कूटी चुनाव करने का अधिकार दिया गया था। चुनाव से पहले 4,806 छात्रों ने पेट्रोल से चलने वाली और 2,984 छात्रों ने ई स्कूटी का चयन किया था। सरकार ने पेट्रोल स्कूटी के लिए 90 हजार रुपए और ई स्कूटी के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए प्रति छात्र राशि स्वीकृत की थी। इस तरह से कुल 7,790 छात्रों को 79 करोड़ रुपए राशि दी गई थी। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक नई घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि अगले साल प्रत्येक स्कूल के टॉप 3 विद्यार्थियों को स्कूटी दी जाएगी। इसके कारण योजना में केवल स्कूटी का बजट 79X3=237 करोड रुपए हो गया। स्कूल शिक्षा मंत्रालय में तभी फाइनल हो गया था कि, इस घोषणा पर अमल नहीं किया जाएगा। नए स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का प्रोत्साहन मिलने के बाद योजना में स्कूटी वाला चैप्टर ही क्लोज कर दिया गया।

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में लैपटॉप मिलेगा या नहीं

इस योजना के तहत 75% से अधिक अंक लाने वालों को सरकार की तरफ से लैपटॉप खरीदने के लिए पैसा दिया जाता है। पिछले साल मध्य प्रदेश के 25,368 विद्यार्थियों ने टॉप रैंक में अपना नाम दर्ज कराकर योजना के लिए एलिजिबिलिटी प्राप्त कर ली है। योजना के अनुसार इन सभी को ₹25000 दिए जाने हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी, पूरी योजना ही बंद करने के मूड में थे। स्कूल शिक्षा मंत्री को भी कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने डिसाइड किया कि जनकल्याण की नियमित योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा। निर्धारित अवधि के लिए शुरू की गई योजना अपने आप बंद हो जाएगी। इसके कारण स्कूल शिक्षा विभाग में मंत्रालय से लेकर स्कूल तक लैपटॉप के लिए डाटा कलेक्शन और वेरिफिकेशन का काम चल रहा है। उम्मीद है बजट के बाद मध्य प्रदेश के रैंकर्स को लैपटॉप के लिए 25000 रुपए मिल जाएंगे। 

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