MP NEWS – लोअर मिडल क्लास के बच्चों की पढ़ाई में सबसे ज्यादा महंगाई बढ़ाने वाला एक्ट विधानसभा में प्रस्तुत


मध्य प्रदेश की विधानसभा में मंगलवार दिनांक 17 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) संशोधन विधेयक प्रस्तुत कर दिया गया। इस एक्ट में बहुत सारी अच्छी बातें हैं परंतु एक प्रावधान बड़ा गड़बड़ है। जिन 16000 प्राइवेट स्कूलों में लोअर मिडल क्लास के बच्चे पढ़ते हैं। उन्हें सबसे ज्यादा फीस बढ़ाने की छूट दे दी गई है। जबकि हाई प्रोफाइल स्कूलों की फीस में वृद्धि पर कंट्रोल किया गया है। अर्थात साहब ने अपने बच्चों की फीस बढ़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि अपने ड्राइवर, माली, सफाई वाला और रसोईया आदि के बच्चों की फीस बढ़ाने की छूट दे दी है। 

Madhya Pradesh Private School Fees and Related Matters Regulation Amendment Bill

मध्य प्रदेश में टोटल 35000 प्राइवेट स्कूल है। इनमें से 16000 प्राइवेट स्कूल ऐसे हैं जिनमें लोअर मिडल क्लास के बच्चे पढ़ते हैं। इन स्कूलों की वार्षिक फीस ₹25000 से कम है। मध्य प्रदेश में हाई प्रोफाइल स्कूल 10% से ज्यादा फीस वृद्धि नहीं कर सकते हैं लेकिन मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन संशोधन विधेयक के तहत इन 16000 स्कूलों को हर साल कम से कम 15% फीस वृद्धि की छूट दे दी गई है। सिर्फ इतना ही नहीं, यदि वह 15% से ज्यादा फीस वृद्धि करना चाहते हैं तो कमिश्नर स्कूल शिक्षा से परमिशन लेकर कर सकते हैं। इसके विरुद्ध यदि पेरेंट्स को कोई आपत्ति है तो उन्हें अपील करने के लिए राजधानी भोपाल में आना होगा। यहां यदि स्कूल शिक्षा मंत्री का समय मिल गया तो अपनी समस्या सुना सकते हैं नहीं तो दोबारा आना होगा। 

इसके अलावा कुछ अच्छे प्रावधान भी है

  • स्कूल बस की फीस को स्कूल की फीस में काउंट किया जाएगा। 
  • स्कूल फीस बैंक खाते में डिपोजिट करवाई जाएगी। और विधिवत राशि दी जाएगी। 
  • फीस निर्धारण के लिए अब तक जिला और राज्य स्तर पर कमेटी का गठन किया जाता था अब एक डिपार्टमेंटल कमेटी भी होगी। कमिश्नर स्कूल एजुकेशन इसको हेड करेंगे। 
  • स्कूल किसी भी स्टूडेंट के पेरेंट्स से कोई डोनेशन या कैपिटेशन प्राप्त नहीं कर सकता है। 
  • स्कूल यूनिफार्म का एक डिजाइन कम से कम 3 साल के लिए वैलिड होगा। 

कांग्रेस के विधायकों ने आपत्ति क्यों नहीं की 

मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के ज्यादातर विधायक इस प्रकार के सरकारी डाक्यूमेंट्स को पढ़ने में विश्वास नहीं रखते। सरकार के साथ मिलकर चलते हैं। जब तक हाई कमान की तरफ से स्पष्ट आदेश नहीं आ जाता तब तक सरकार की किसी भी गतिविधि में आपत्ति नहीं करते। जैसे मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के सैकड़ो विधायकों, नेताओं और हजारों कार्यकर्ताओं ने राजधानी भोपाल में उसे जगह पर खड़े होकर विधानसभा का घेराव किया जहां पर विधानसभा ही नहीं है। 

विनम्र अनुरोध 🙏 कृपया हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें। सबसे तेज अपडेट प्राप्त करने के लिए टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करें एवं हमारे व्हाट्सएप कम्युनिटी ज्वॉइन करें। इन सबकी डायरेक्ट लिंक नीचे स्क्रॉल करने पर मिल जाएंगी। मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण समाचार पढ़ने के लिए कृपया स्क्रॉल करके सबसे नीचे POPULAR Category में Madhyapradesh पर क्लिक करें।





Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *