मोहन सरकार के एक साल-बेमिसाल: ये रहे CM डॉ मोहन यादव के मास्टर स्ट्रोक, जिसने बदल दी मध्य प्रदेश की सूरत
भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार को 13 दिसंबर को एक साल होने जा रहा है। इस अवसर पर एक दिन पहले यानी आज मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया गया। राजधानी के मिंटो हॉल में सरकार के कामकाज से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रूबरू हो रहे हैं। साथ ही वे घोषणापत्र में किए वादे भी बताएंगे।
2023 में सरकार बनने के बाद सीएम मोहन के सामने सबसे बड़ी चुनौती 2024 का लोकसभा चुनाव था। जिसमें उन्होंने 100 प्रतिशत सफलता का रिजल्ट देकर राजनीतिक पंडितों को भी हैरान कर दिया। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने सभी 29 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। इतना ही नहीं देशभर में कांग्रेस के सबसे मजबूत गढ़ों में शामिल रही मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर भी बीजेपी ने जीत हासिल की।
MP में निवेश के कदम
मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ. मोहन यादव ने निवेश पर फोकस किया। जिसमें उन्होंने 6 रीजनल इंडस्ट्रियल समिट में करीब 3 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव किया।
रीजनल इंडस्ट्री कांक्लेव
01 मार्च – उज्जैन
20 जुलाई – जबलपुर
28 अगस्त – ग्वालियर
27 सितंबर – सागर
23 अक्टूबर – रीवा
07 दिसंबर – नर्मदापुरम
किस कॉन्क्लेव में कितना निवेश
उज्जैन 1 लाख करोड़
जबलपुर 13,000 करोड़
सागर 23000 करोड़
ग्वालियर 8000 करोड़
रीवा 31000 करोड़
नर्मदापुरम 31800 करोड़
इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़े कदम उठाए और प्रदेश में 30 मेडिकल कॉलेज खोले। जिसकी जल्द ही संख्या 50 होगी। पर्यावरण की बात की जाए तो उन्होंने तेज लाउड स्पीकर, खुले में मांस की बिक्री पर रोक लगाई। साथ ही हरे भरे खेत खलिहान के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र की केन-बेतवा वृहद परियोजना और पार्वती- कालीसिंध-चंबल परियोजना को मंजूर किया। कहते हैं कि विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का सबसे बड़ा श्रेय आदिशक्ति यानी महिलाओं का रहा। महिला सशक्तिकरण के लिए मध्य प्रदेश में सिविल सेवाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत की जगह 35 प्रतिशत पदों पर आरक्षण दिया जाएगा।
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