शबनम मौसी के श्राप पर MP में सियासत: BJP बोली- यह कांग्रेस को खत्म करेगा, जानिए विपक्ष ने क्या दिया जवाब
शिखिल ब्यौहार, भोपाल। कहते हैं..किन्नरों की दुआ का जितना असर होता हो, उतना ही बद्दुआ का भी होता है। यहां तो बात सियासी श्राप की हो रही है। दरअसल, देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी समेत पार्टी को श्राप दिया है। शबनम मौसी के बयान के बाद प्रदेश में श्राप पॉलिटिक्स शुरू हो गई है।
हुआ यूं कि निर्दलीय विधायक रहीं शबनम मौसी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी से मिलने के लिए लगातार समय मांग रही थी। सोमवार की सुबह पहले शबनम मौसी पटवारी के बंगले पहुंची तो दोपहर को पीसीसी में घंटों इंतजार किया। फिर उनका गुस्सा फूटा। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि ये बहुत दुख का विषय है। पहले भी मैं कांग्रेस की सदस्यता लेने आई थी। लेकिन, कांग्रेस वालों ने बहुत प्रताड़ित किया, बहुत अपमानित किया। मैं बहुत दुखी हूं। आज ऐसा हाल हो गया है कांग्रेस का, प्रदेश से नामोनिशान मिटता जा रहा है। जीतू पटवारी के घर गए थे, लेकिन उनके सहयोगियों ने मिलने नहीं दिया। ये कोई अच्छी बात है क्या। कांग्रेस इनकी बपौती है क्या कि जिससे चाहे उससे बात की, जिसे चाहा ठुकरा दिया। इस तरह से अपमानित नहीं करना चाहिए। मुझ किन्नर का अपमान किया है। इनको पूरे किन्नर समाज का श्राप लगेगा।
कांग्रेस नहीं बीजेपी श्रापित, ऐसे श्राप से होगा क्या- कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता संतोष सिंह परिहार ने बताया कि राजनीति में आकांक्षा होना स्वाभाविक है। बात शबनम मौसी के श्राप की तो उनका श्राप बीजेपी को लगा है। मौसी के श्राप से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया श्रापित हुए, उन्हें बीजेपी ने ही विजयपुर उपचुनाव प्रचार मामले में झूठा साबित कर दिया। बुधनी उपचुनाव में बीजेपी को श्राप लगा। श्राप के कारण ही प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी रिचार्ज और टॉपअप से चल रही है। नाराज बीजेपी, शिवराज बीजेपी, कैलाश बीजेपी, गुटबाज बीजेपी यह भी श्राप का ही असर मानिए।
बीजेपी को आशीर्वाद और कांग्रेस को कर्मों का श्राप- बीजेपी
मामले पर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि जीतू पटवारी अहंकारी और अयोग्य अध्यक्ष प्रमाणित हो चुके हैं। शबनम मौसी ने अपनी कार्य क्षमता के आधार पर विधायक बनी थी। उन्हें कांग्रेस ने अपमानित किया। यही कांग्रेस की मूल रीति-नीति है। कांग्रेस में काम करने वालों को सम्मान नहीं मिलता। शबनम मौसी का श्राप निश्चित तौर पर कांग्रेस को लगा है। यह कांग्रेस को समाप्त करेगा। यादव ने कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए यह भी कहा कि जनता का आशीर्वाद बीजेपी को मिल रहा है, कांग्रेस को श्राप।
जानिए कौन हैं शबनम मौसी?
बता दें कि देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी ने साल 2000 में शहडोल जिले की सोहागपुर सीट से उपचुनाव जीता था, जो तत्कालीन कांग्रेस विधायक कृष्णपाल सिंह की मृत्यु के बाद खाली हुई थी। उन्होंने भाजपा के लल्लू सिंह को 17,800 से ज्यादा मतों के अंतर से हराया था। हालांकि, साल 2003 के विधानसभा चुनावों में वह केवल 1400 वोट पाने में सफल रहीं और हार गईं थीं। शबनम मौसी पहले भी एक ऑटो ड्राइवर से मारपीट के कारण सुर्खियां बटोर चुकी हैं।
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