WB के ओबीसी आरक्षण फार्मूले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया


भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने ने आज पश्चिम बंगाल के ओबीसी आरक्षण फार्मूले को खारिज कर दिया है। इससे पहले कोलकाता हाई कोर्ट ने इस फार्मूले को वैध घोषित करते हुए कहा था कि, सार्वजनिक नौकरियों और राज्य-प्रशासित शिक्षण संस्थानों में इन जातियों के लिए आरक्षण अवैध था। 

कोलकाता हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण फार्मूले को वैध घोषित किया था

पश्चिम बंगाल राज्य सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण के लिए एक नए फार्मूले का प्रयोग किया गया था जिसके तहत मुस्लिम समुदाय की 77 जातियों एवं पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग कानून के तहत 37 जातियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ दिया गया था। इस फार्मूले को कोलकाता हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के इस फार्मूले को वैध घोषित करते हुए, इसे रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट में बहस के दौरान यह स्पष्ट हुआ था कि, मुस्लिम वर्ग की 77 जातियों का चयन धर्म के आधार पर किया गया है। इसके पीछे वोट बैंक की राजनीति है। 

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। पश्चिम बंगाल सरकार के वकील श्री कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी, कि ओबीसी आरक्षण के लिए जातियों का चयन उनके पिछले पान के आधार पर किया गया है परंतु वह अपने दावे की समर्थन में कोई भी ऐसा आंकड़ा प्रस्तुत नहीं कर पाए जो सुप्रीम कोर्ट को संतुष्ट करता हो। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि इस प्रकार से धर्म के आधार पर आरक्षण देने का प्रावधान भारत में नहीं है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। 

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