BHOPAL NEWS WEATHER – 36 साल का रिकॉर्ड टूटा, जेट स्ट्रीम और साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर


मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ठंड में पिछले 36 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भोपाल का न्यूनतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। राजधानी में मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी से ज्यादा ठंड पड़ रही है। हवा की स्पीड 10 किलोमीटर प्रति घंटा है। इसके कारण लोग खुले मैदान में खड़े तक नहीं हो पा रहे हैं। 

दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर डीप डिप्रेशन एक्टिव

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार भोपाल सहित पश्चिम-उत्तर भारत के ऊपर जेट स्ट्रीम 234 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बह रही है। इसके कारण ही कुछ इलाकों में हवा की स्पीड 10 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है। यह स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक है। मौसम वैज्ञानिक प्रमेंद्र कुमार ने बताया, अभी जेट स्ट्रीम हवा की ऊंचाई 12.6 किमी है। जब यह नीचे बहेगी, तब ठंड का असर और तेज हो जाएगा। इसके अलावा पूर्वी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम और दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर डीप डिप्रेशन एक्टिव है। इसका असर भी भोपाल में देखने को मिल रहा है। 

BHOPAL NEWS – 1988 के बाद 2024 में ऐसी ठंड

नवंबर में पहली बार भोपाल में रात का तापमान पचमढ़ी से भी कम हो गया। गुरुवार-शुक्रवार की रात भोपाल में तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं पचमढ़ी में 9.6 डिग्री रहा। इससे पहले भोपाल में 1988 में पारा 7.5 डिग्री दर्ज किया गया था। अधिकतम तापमान के मामले में बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल और इंदौर में पारा 25 डिग्री से नीचे रहा। भोपाल में 24.9 डिग्री, इंदौर में 24.6 डिग्री, उज्जैन में 25.7 डिग्री, ग्वालियर में 25.5 डिग्री और जबलपुर में 25.9 डिग्री दर्ज किया गया। अर्थात भोपाल का अधिकतम तापमान भी 25 डिग्री सेल्सियस से कम हो गया है। 

फेंगल चक्रवर्ती तूफान की अपडेट न्यूज़

फेंगल चक्रवर्ती तूफान का भोपाल रोड कोई असर नहीं पड़ेगा। बारिश तो दूर की बात है यहां, उस तूफान के कारण ठंडी हवा भी नहीं चलेगी। उत्तरी तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी पर चक्रवाती तूफान “फेंगल” [जिसे फेनजल के रूप में उच्चारित किया जाता है] पिछले 12 घंटों के दौरान व्यावहारिक रूप से स्थिर रहा, एक गहरे अवसाद में कमजोर हो गया और आज, 1 दिसंबर 2024 को 1130 बजे IST पर उसी क्षेत्र के पास केंद्रित था। अक्षांश 12.0°N और देशांतर 79.8°E, पुडुचेरी के करीब, कुड्डालोर से लगभग 30 किमी उत्तर में, 40 विल्लुपुरम से किमी पूर्व और चेन्नई से 120 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम। इसके बहुत धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 12 घंटों के दौरान उत्तरी तमिलनाडु पर धीरे-धीरे कमजोर होकर दबाव में बदलने की संभावना है। (रिपोर्टिंग डेट:- 1 दिसंबर 2024 समय 17:25)। 

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