ENGLISH में कमजोर होने के कारण MBBS छात्र ने सुसाइड किया, शिक्षक पिता का बयान – BHOPAL NEWS


मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चिरायु मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही 20 वर्षीय लड़की रानी मोरे की डेड बॉडी कॉलेज के हॉस्टल में उसी के रूम में फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है परंतु उसके शिक्षक पिता का मानना है कि, हायर सेकेंडरी तक की एजुकेशन हिंदी मीडियम से होने के कारण कॉलेज में उसे शर्मिंदा होना पड़ता था। इसी के चलते उसने सुसाइड कर लिया। 

इंग्लिश में कमजोर होने के कारण शर्मिंदा होना पड़ता था

पिता का नाम श्री देवी सिंह मोरे है। शासकीय शिक्षक हैं। खरगोन शहर की लव कुश कॉलोनी में रहते हैं। टोटल चार संताने हैं जिसमें दो लड़के और दो लड़कियां हैं। उन्होंने बताया कि रानी ने हिंदी मीडियम से हायर सेकेंडरी क्लास की परीक्षा पास की थी। वह पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और हमेशा मेरिट में आती थी। 10 महीने पहले मेडिकल की पढ़ाई के लिए उसका एडमिशन चिरायु मेडिकल कॉलेज में करवाया था। वह डॉक्टर बनना चाहती थी। एडमिशन कंफर्म होने पर बहुत खुश थी, लेकिन यहां आने के बाद वह डिप्रेशन में जाने लगी थी। वह हर रोज परिवार वालों से बात करती थी। बातचीत के दौरान बताती थी कि अंग्रेजी में मेडिकल की पढ़ाई बहुत कठिन है। पिछले 4 महीने से डिप्रेशन में थी। इंग्लिश में वीक होने के कारण उसे पढ़ाई के दौरान शर्मिंदा होना पड़ता था। 

पुलिस का एंगल – पहले लव स्टोरी और फिर पिता की थ्योरी

इस मामले में पुलिस का एंगल सबसे अलग है। सिर्फ एक बात की कोशिश की जा रही है कि, लड़की को कॉलेज में कोई प्रॉब्लम नहीं थी, लड़की को हॉस्टल में कोई प्रॉब्लम नहीं थी। सुसाइड नोट नहीं मिला इसलिए कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। लड़की खरगोन से भोपाल आई थी इसलिए भी कई सवाल उठ रहे हैं। एक दिन पहले तक इन सभी सवालों के जवाब में पुलिस अधिकारियों द्वारा लव स्टोरी की तरफ इशारा किया जा रहा था। आज जब लड़की के पिता ने इंग्लिश में कमजोर होने की बात कही तो पुलिस ने भी पिता की थ्योरी को ओके करते हुए अपनी इन्वेस्टिगेशन क्लोज करने का मन बना लिया है। जबकि, नोट करने वाली बात है कि जब पुलिस मौके पर पहुंची तब लड़की के हॉस्टल रूम का दरवाजा टूटा हुआ था। वार्डन का कहना है कि उन्होंने कारपेंटर को बुलाकर दरवाजा तुड़वाया। इस जवाब से भी एक सवाल पैदा होता है। हॉस्टल में वार्डन के पास मास्टर की होती है, या फिर हर कमरे की दूसरी चाबी होती है। दरवाजा चाबी से क्यों नहीं खोला। 

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