Bhopal Samachar GK – एक जानवर जो फिर से बच्चा बन जाता है, कभी नहीं मरता
कहते हैं कि इस पृथ्वी पर जो भी जन्म लेता है उसकी मृत्यु होती है। कौवा की भी कोई अधिकतम आयु नहीं होती लेकिन मृत्यु जरूर होती है, परंतु इसी पृथ्वी पर एक जानवर ऐसा भी है जिसकी कभी मृत्यु नहीं होती। जो कभी किसी को जन्म नहीं देता। जब उसकी वृद्धावस्था पूरी होती है तो वह फिर से बच्चा बन जाता है और इस प्रकार उसकी लाइफ साइकिल चलती रहती है। क्या आप उस जानवर का नाम जानते हैं, जो अमर है, जिसकी कभी मृत्यु नहीं होती और जो वृद्धावस्था के बाद फिर से बच्चा बन जाता है। यदि नहीं तो पढ़ते रहिए:-
पृथ्वी का एक प्राणी जो रिवर्स डेवलपमेंट कर सकता है
1980 के दशक में दो युवा वैज्ञानिकों, क्रिश्चियन सोमर और जॉर्जियो बवेस्ट्रेलो, ने पहली बार उनकी साइंस सोसायटी को इसके बारे में बताया था। वैज्ञानिकों ने इस जानवर को Turritopsis dohrnii (टुरिटोप्सिस डोहर्नी) नाम दिया है। यह दुनिया भर में पाया जाता है। पानी के अंदर रहता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे “अमर जेलीफ़िश” भी कहते हैं। इनकी शुरुआत पानी में तैरते हुए एक लार्वा के रूप में होती है जिन्हें प्लेन्यूले के रूप में जाना जाता है। इसके बाद यह बड़े होते हैं। जवान होते हैं, लेकिन उनके कोई पार्टनर नहीं होते। यह बच्चों को जन्म नहीं देते। वृद्धावस्था के बाद जब मृत्यु के समय आता है तो यह एक विशेष प्रकार की प्रक्रिया करते हैं और इनका शरीर फिर से एक लारवा में बदल जाता है। यानी फिर से बच्चे बन जाते हैं। इस प्रक्रिया को “रिवर्स डेवलपमेंट” कहते हैं।
क्या इंसान भी रिवर्स डेवलपमेंट कर सकते हैं?
बॉलीवुड की कई फिल्मों में यह तमन्ना की गई है। हम भी अक्सर सोचते कि काश पुराने दिन फिर से वापस आ जाते। काश हम फिर से बच्चे बन जाते। अब जबकि हमको पता चल गया है कि पृथ्वी पर एक प्राणी ऐसा है जो रिवर्स डेवलपमेंट कर सकता है तो यह जानना जरूरी हो जाता है कि क्या हम मनुष्य भी रिवर्स डेवलपमेंट कर सकते हैं। भारत की प्राचीन कहानियां में कुछ राजाओं ने ऐसा करने का प्रयास भी किया था। हालांकि वह कभी सफल नहीं हो पाए। भारतीय कथाओं में 7 चिरंजीवी का उल्लेख है। यह वृद्धा अवस्था में पहुंच गए परंतु हजारों साल बीत जाने के बावजूद उनकी मृत्यु नहीं हुई है। यानी मनुष्य की मृत्यु पर नियंत्रण पाया जा सकता है परंतु क्या रिवर्स डेवलपमेंट भी किया जा सकता है। वैज्ञानिक Pawel Burkhardt कहते हैं कि इंसानों में कुछ समानताएं तो है, लेकिन फिलहाल विश्वास पूर्वक यह नहीं कहा जा सकता है कि क्या मनुष्य ऐसा करने में कभी सक्षम हो पाएंगे।