पं. धीरेंद्र शास्त्री का बड़ा फैसला: नहीं पहनेंगे फूल-माला और खड़ाऊ, जानिए क्या है वजह…
रणधीर परमार, छतरपुर। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री की ‘हिंदू सनातन एकता’ यात्रा 21 नवंबर से शुरू होगी. धीरेंद्र शास्त्री 165 किलोमीटर पैदल चलकर ओरछा रामराजा सरकार के मंदिर में यात्रा का समापन करेंगे. यात्रा में उनका संकल्प है कि जब तक हिंदू जात-पात छोड़कर एकता के सूत्र में नहीं बधेंगे, तब तक वह खड़ाऊ पैरों में नहीं पहनेंगे और न यात्रा पैदल यात्रा फूल-माला पहनेंगे.
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि इस सनातन यात्रा सब धर्मों के लोग शामिल हो सकते. चाहे वो मुसलमान हो या फिर ईसाई. क्योंकि इस देश में रहने वाले सभी धर्मों के लोग पहले हिंदू ही थे. बाद में वह कन्वर्ट हो गए. वह किसी भी धर्म के लोगों को यात्रा के लिए पीले चावल नहीं देगें. जब तक वह हिंदूओं को जगा नहीं देगे तब तक यात्रा करते रहेंगे.
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उनका कहना है कि अगर एक नहीं हुए तो बाग्लादेश जैसा हिंदूओं का हाल होगा. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि राजस्थान में धर्म विरोधी लोगों ने गाय की पूंछ को काटकर हनुमान जी के ऊपर चढ़ाया. तब कोई हिंदू कुछ नहीं बोला. वक्फ बोर्ड की 2005 तक मात्र कुछ हजार एकड़ जमीन थी. आज 8 लाख एकड़ जमीन हो गई. हिंदू चुप बैठा है. हिंदू कायर बना बैठा है, वो सोया हुआ हिंदू है.
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