सैलून कर्मचारी को सेक्सटॉर्शन केस में फंसाने की धमकी, 6 घंटों तक किया डिजिटल अरेस्ट, फिर असली DIG ने पीड़ित बनकर ठगों से की बात, जानिए फिर क्या हुआ
कुमार इंदर, जबलपुर। देशभर में इन दिनों डिजिटल अरेस्ट करने वाले शातिर बेखौफ होते जा रहे हैं। अनपढ़ लोगों से लेकर पढ़े-लिखे लोग इनका शिकार हो रहे हैं। ताजा मामला जबलपुर से सामने आया है, जहां सैलून कर्मचारी पवन कुमार कापसे को 6 घंटों तक डिजिटल अरेस्ट किया गया। जालसाजों ने मोबाइल से अश्लील वीडियो शेयर करने की धमकी देकर उन्हें बंधक बना लिया।
सेक्सटॉर्शन केस में सजा की धमकी देकर बनाया शिकार
शातिरों ने केस की फाइल तैयार होने और 15 साल की सजा की धमकी का डर दिखाकर सुबह 11 से शाम 5 बजे तक डिजिटल अरेस्ट रखा और रकम ऐंठ ली। उन्होंने सेक्सटॉर्शन संबंधी आपत्तिजनक वीडियो बनाए जाने की धमकी दी। बदमाशों ने पहले केस की फाइल रोकने के एवज में 14 हजार रुपए मांगे। इसके बाद केस खत्म करने के लिए 24 हजार भेजने का दबाव बनाया।
DIG ने खुद को पीड़ित बताकर ठगों से की बात
जालसाजों ने पहली किस्त में QR कोड भेज कर पीड़ित से रकम ट्रांसफर करने की हिदायत दी। डिजिटल अरेस्ट के शिकार युवक ने 2000 के हिसाब से 7 बार रकम भेजी। दूसरी बार पैसे मांगने पर पीड़ित ने D.I.G. ऑफिस जाकर शिकायत कर दी। मामला सामने आने के बाद डीआईजी तुषार कांत विद्यार्थी ने इसे खुद हैंडल किया।
डीआईजी ने खुद को पीड़ित बताते हुए आरोपियों से बात करते-करते पीड़ित से ट्रांसफर की गई रकम को फ्रीज कराया। इस दौरान उन्होंने ट्रांसफर रकम से साढ़े सात हज़ार रुपए रिटर्न भी करा लिए। इसके बाद जैसे ही उन्होंने बताया कि वह डीआईजी बोल रहे हैं तो बदमाशों ने फोन काट दिया। समझाइश के बाद बकाया राशि लुटने से बचा लिया।
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