14 साल बाद हुआ था बेटा, डॉक्टर की लापरवाही ने ले ली नवजात की जान, अब न्याय के लिए दर-दर भटक रहा परिवार, CM डॉ. मोहन से की ये मांग


सतीश दुबे, डबरा। प्रदेश भर में बेहतर स्वस्थ सेवाओं का दम भरने वाली सरकार की डबरा से बीते तीन महीने पहले एक लापरवाही भरी तस्वीर सामने आई है। डबरा सिविल अस्पताल में एक गंभीर लापरवाही के कारण एक नवजात की जान चली गई। महिला को प्रसव के लिए अस्पताल लाया गया था, लेकिन अस्पताल के स्टाफ की लापरवाही के चलते नवजात की मौत हो गई। परिजनों ने मामले की शिकायत भी की पर अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई। सिविल अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर मेमुना खातून और नर्स रश्मि धुर्वे पर कार्रवाई को लेकर पिता दर-दर भटक रहा है और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से कार्रवाई की गुहार लगाई है।

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क्या है पूरा मामला

विभागीय जांच में उलझे इस मामले में लेकर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मामला 4 अगस्त की रात का है। जब कल्याणी गांव निवासी अमर सिंह जाटव अपनी पत्नी किरन जाटव को प्रसव के लिए लेकर सिविल अस्पताल आए थे। जहां महिला डॉक्टर मेमुना खातून ने इलाज में लापरवाही करते हुए ग्वालियर ले जाने की कहकर भगा दिया। इस दौरान महिला का अस्पताल कैंपस में खुले में प्रसव हो गया और जमीन पर गिरने से मासूम बच्चे की मौत हो गई। आनन-फानन में नर्स रश्मि धुर्वे ने बच्चे को उठाया और अस्पताल में लेकर भागती नजर आई। मामले में तब से लेकर आज तक पीड़ित पिता महिला डॉक्टर और नर्स पर कार्रवाई की मांग को लेकर भटक रहा है।

घटना के बाद SDM दिव्यांशु चौधरी ने जांच की और महिला डॉक्टर और नर्स को इस पूरे प्रकरण में दोषी पाया और प्रकरण बना कर जिला कलेक्टर रुचिका चौहान को दिया। इसके बाद अब यह प्रकरण कमिश्नर मनोज खत्री के यहां जांच के लिए उलझा है। पीड़ित पिता अमर सिंह ने बताया कि उनकी पत्नी किरन से 14 साल बाद उन्हें बेटा हुआ था। पहले उनकी तीन बेटियां हैं। पत्नी के गर्व में पल रहे 7 माह के बेटे की गलत ईलाज ओर डॉक्टर की लापरवाही से मौत हुई है। जब तक कार्रवाई नहीं होगी मैं शांत नहीं बैठूंगा।

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मामले में जिला कलेक्टर रुचिका चौहान बताती है कि वो जिस लेवल की डॉक्टर अधिकारी है उनपर कार्रवाई करने का अधिकार आयुक्त महोदय को है। कमिश्नर सर ने महिला डॉक्टर मेमुना खातून को नोटिस जारी किया है। जल्द उनके बयान इस प्रकरण में लिए जाएंगे जिसके बाद कार्रवाई होगी। मामले में CMHO सचिन श्रीवास्तव अपना पल्ला झाड़ते हुए बताया कि मामले में जांच चल रही है वो जांच में दोषी पाई गई थी पर वो मेरे कार्यकाल का मामला नहीं है शासन स्तर पर जो भी कार्रवाई होगी करेंगे।

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