जनजातीय गौरव दिवस: PM मोदी कल करेंगे MP के 2 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालयों का लोकार्पण, जानिए क्या है इसकी खासियत 


राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर कल मध्य प्रदेश के धार और शहडोल में अलग-अलग राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. शहडोल में होने वाले कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी वर्चुअल जुड़कर संबोधित करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी प्रदेश के दो जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालयों का लोकार्पण भी करेंगे. तो राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव जनजातीय वर्ग के लिए सौगातों का पिटारा भी खोलेंगे.

छिंदवाड़ा के बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय

छिंदवाड़ा शहर में स्थित बादल भोई जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय भवन का निर्माण 40 करोड़ 69 लाख की लागत से हुआ है। यह स्थल पेंच-पचमढ़ी मार्ग पर स्थित है। भवन में 6 गैलरी, एक कार्यशाला कक्ष, एक लाइब्रेरी, 800 दर्शकों की क्षमता वाला ओपन एयर थिएटर, शिल्प बाजार, ट्राइबल कैफेटेरिया का निर्माण किया गया है। 

नवीन जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय में प्रदेश के 9 मुख्य जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम तथा 16 जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का वर्णन एवं जीवंत चित्रण किया गया है। प्रथम गैलरी रानी दुर्गावती को समर्पित की गई है, जिसमें रानी दुर्गावती के जीवन उनके शासन और उनके बाहरी आक्रमणकारियों से संघर्ष को प्रदर्शित किया गया है। ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेज सरकार द्वारा गोंड राज्यों को अपने अधीन लेने के खिलाफ गोंड राजाओं द्वारा किये गए संघर्ष का चित्रण गैलरी 2 में किया गया है.

READ MORE: ‘आमची अमरावती ने ठाना है, इस बार विकास को लाना है…’, महाराष्ट्र में CM डॉ मोहन यादव ने भरी हुंकार  

ब्रिटिश सरकार द्वारा वर्ष 1927 में इंडियन फारेस्ट एक्ट लागू था, जिसके विरोध में जनजाति समाज के संघर्ष का चित्रण गैलरी-3 में जंगल सत्याग्रह के रूप में प्रदर्शित किया गया है. चौथी गैलरी में भील-भिलाला जनजाति, जो गोरिल्ला युद्ध में बेहद पारंगत थी उनका ब्रिटिश सरकार के विरूद्ध किया गया संघर्ष चित्रित किया गया है. इस गैलरी में भीमा नायक, खाज्या नायक और टंट्या भील जैसे वीरों के संघर्ष चित्रण है. गैलरी-5 और गैलरी-6 समय-समय पर पेंटिंग एवं फोटो एग्जीबिशन के लिए आरक्षित की गई हैं.

जबलपुर के राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का लोकार्पण

अद्वितीय वीरता और अदम्य साहस के प्रतीक राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के सम्मान में राज्य सरकार और केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के सहयोग से वर्ष 2021 में जबलपुर में संग्रहालय का निर्माण किया गया है. इसका नामकरण राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय किया गया है. एक एकड़ भूमि पर निर्मित इस संग्रहालय में 14 करोड़ 26 लाख रूपये की लागत से भारतीय सांस्कृतिक निधि नई दिल्ली की ओर से संग्रहालय भवन का जीर्णोद्वार एवं क्यूरेशन का कार्य किया गया है. यह संग्रहालय परिसर ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यहीं पर राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह को उनके बलिदान से चार दिन पहले कैद करके रखा गया था. इस ऐतिहासिक महत्व की इमारत को पारम्परिक संरक्षण विधि से उसके मूल स्वरूप में पुनर्निमित किया गया है, ताकि राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान का प्रतीक यह स्थल आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और गर्व का स्थायी स्रोत बना रहे.

संग्रहालय की पहली दीर्घा में गोंड जनजातीय संस्कृति को प्रदर्शित किया गया है. दूसरी दीर्घा 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले मध्यप्रदेश के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को समर्पित है. तीसरी दीर्घा को राजा शंकरशाह के दरबार हाल के रूप में प्रदर्शित किया गया है, इसमें राजा शंकरशाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान की कहानी को फिल्म के जरिए प्रदर्शित किया गया है. राजा एवं कुंवर के बलिदान के बाद उनकी रानियों के एवं 52वीं रेजीमेंट के विद्रोह को अगली गैलरी में प्रदर्शित किया गया है. अंतिम गैलरी में थ्री-डी होलोग्राम के माध्यम से राजा एवं कुंवर को श्रृद्धांजलि दी गई है. जिस परिसर में राजा एवं कुंवर को कैद करके रखा गया था, उस जेल भवन में उनकी प्रतिमाएं भी स्थापित की गई हैं. जनजातीय समुदाय के लोग इस स्थल को पवित्र मानते हैं और नियमित रूप से यहां श्रृद्धांजलि अर्पित करने आते हैं.

Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *