बहुचर्चित अंकिता-हसनैन की शादी पर HC ने लगाई रोक: सिंगल बेंच के फैसले को किया स्टे, राज्य सरकार, जबलपुर कलेक्टर और युवक से मांगा जवाब
कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर के बहुचर्चित अंकिता राठौर और हसनैन अंसारी लव जिहाद मामले में आज हाइकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद इस शादी पर फ़िलहाल ब्रेक लग गया है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य बैंच ने हिन्दू-मुस्लिम जोड़े की शादी पर सिंगल बैंच के पिछले आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही HC ने मुस्लिम युवक, राज्य सरकार, जबलपुर कलेक्टर को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट ने पुराने फैसले को किया स्टे
मुस्लिम युवक हसनैन अंसारी ने हाईकोर्ट में जस्टिस विशाल ढगट की बेंच में याचिका दायर कर शादी की अनुमति मांगी थी। जिस पर जस्टिस विशाल ढगट ने मुस्लिम युवक को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था। साथ ही अंकिता राठौर को शादी करने का निर्णय लेने के लिए 12 नवंबर तक समय देते हुए मां-बाप से दूर अकेले नारी निकेतन में रखने के आदेश दिए थे। जिसे हाईकोर्ट की मुख्य बेंच के जस्टिस सुरेश कुमार और जस्टिस विनय जैन ने स्टे करते हुए उल्टे राज्य सरकार, जबलपुर कलेक्टर और याचिकाकर्ता हसनैन अंसारी से जवाब मांगा है।
इस तरह की शादी स्पेशल मैरिज एक्ट में भी मान्य नहीं
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि इस मामले की सुनवाई सिंगल बेंच में न करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच में रेफर करना था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और अंकिता राठौर के पिता के वकील अशोक लालवानी ने दलील देते हुए बताया कि इस तरह की शादी स्पेशल मैरिज एक्ट में भी मान्य नहीं है।
वकील ने लव जिहाद के एक और मामले में हाईकोर्ट के फैसले का दिया हवाला
एडवोकेट अशोक लालवानी ने ऐसे ही लव जिहाद के एक और मामले में मई 2023 को हाईकोर्ट के जस्टिस आहलूवालिया की बेंच के फैसले का हवाला भी दिया। जिसमें कहा गया है कि बिना धर्म परिवर्तन के इस तरह की शादी हिंदू मैरिज एक्ट के तहत मान्य नहीं है। साथ ही इस तरह की शादी का रजिस्ट्रेशन भी नहीं किया जा सकता है। और तो और शादी के बाद लड़की अपना धर्म भी नहीं बदल सकती है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, इंदौर की रहने वाली अंकिता राठौर और जबलपुर के सिहोरा के रहने वाले हसनैन अंसारी ने 12 नवंबर को शादी के लिए आवेदन दिया था। जिसका हिंदूवादी संगठनों और लड़की के परिवार के भारी विरोध के बाद हसनैन अंसारी ने शादी की अनुमति के लिए कोर्ट की शरण ली थी। जिस पर 2 अक्टूबर 2024 को सुनवाई करते हुए जस्टिस विशाल ढगट की बेंच ने लड़के को सुरक्षा देते हुए लड़की को शादी की निर्णय के लिए 12 नवंबर तक विचार करने के लिए नारी निकेतन में रखा था।
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