अफ्रीकन गैंग बना रही शिकार, भारत के नॉर्थ ईस्ट की लड़कियों को साथ लेकर बिछाया जाल, व्यापारी से ऐंठे 49 लाख रुपए


कमल वर्मा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश की ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने 7 दिन पहले अफ्रीकन गैंग के एक सदस्य को पकड़ा था। जिसके बाद कई खुलासे होते जा रहे हैं। पकड़ा गया ठग अफ्रीकन देश तंजानिया का रहने वाला है। जिसके साथ भारत की एक महिला भी पकड़ी गई है। इन लोगों से 49 लाख रुपए की ठगी का खुलासा भी हुआ है। जेल जाने से पहले गैंग के सदस्य ने कई बड़े खुलासे किए हैं। अब तक की पूछताछ में हुए खुलासे की क्राइम ब्रांच पुलिस छानबीन कर रही है।

दरअसल, ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने तंजानिया यानि अफ्रीकन देश के 29 साल के टेरी ओबो को पकड़ने के बाद कई खुलासे किए है। जिसके बाद पता चला कि वह अकेले इस गैंग में शामिल नहीं हैं। बल्कि अफ्रीकन देशों जैसे तंजानिया, नाइजीरिया के कई नागरिक उनकी गैंग में शामिल हैं। पूछताछ में पता चला है कि गैंग स्टूडेंट वीजा के सहारे यहां भारत में आकर अपना ठगी का रेकेट तैयार करते हैं। भारत के कुछ बेरोजगार या शातिर लोगों का इस्तेमाल करते थे। तरीका और नेटवर्क उनका होता था, लेकिन जरिया भारत के लोग हुआ करते थे।

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ऐसे हुआ खुलासा

जब ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस एक दवा कारोबारी विजय शर्मा से ठगे गए 49 लाख रुपए की ठगी के मामले की जांच कर रही थी तभी उन्हें पता लगा कि ठगी का पूरा पैसा उन्होंने हैदराबाद की रंगारेड्‌डी फर्म को ट्रांसफर किया गया था। जो कि 18 बैंक खातों में ट्रांसफर हुआ था। साथ ही इन 18 बैंक खातों से कुछ कमीशन एक सेम अकाउंट में आ रहा था। जब ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने इस अकाउंट की डिटेल खंगाली तो यह अकाउंट दिल्ली की रहने वाली वीनस रावत का निकला है। वहां पहुंची तो इस अफ्रीकन गैंग का खुलासा हुआ था।

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अफ्रीकन देशों के कई नागरिकों के शामिल होने की आशंका

वहीं पुलिस को इस गैंग में अफ्रीकन देशों के कई नागरिक भी शामिल होने की आशंका है। यह अफ्रीकन गैंग भारत के नॉर्थ ईस्ट की गरीब लड़कियों को एक्सेंट ब्रिटिश बोलने की ट्रेनिंग देकर उनका उपयोग भारत के अलग-अलग शहरों में ठगी का जाल बिछाते थे। यह ब्रिटेन की दवा बनाने वाली कंपनी के अधिकारी बनाकर इन लड़कियों के माध्यम से लोगों को टारगेट करते थे। साथ ही आर्थिक स्थिति कमजोर होने पर उनको कमीशन पर कॉलिंग के लिए रखा जाता है। चूंकि यह दिल्ली में पढ़ाई कर रही होती हैं, इसलिए इनको एक्सेंट ब्रिटिश सिखाकर तैयार किया जाता था। फिलहाल क्राइम ब्रांच पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। आगे और भी कई खुलासे हो सकते है।

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