बांधवगढ़ के हाथियों को दिया गया जहर! एक्शन में केंद्र सरकार, स्टेट के साथ सेंट्रल SIT गठित, आखिर क्या है मौत की वजह?
राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। बांधवगढ़ में 48 घंटे में 8 हाथियों की मौत की चिंघाड़ सुनाई दी है, जबकि दो का इलाज जारी है. वन विभाग की प्रारंभिक जांच में मौत का कारण कोदो की विषाक्तता माना जा रहा है. सवाल ये खड़ा हो गया है कि यदि हाथियों की मौत जहर से हुई है तो उन्हें जहर दिया गया है या यह फसलों में डलने वाले कीटनाशकों का प्रभाव है. इधर, देश में पहली बार ऐसा मामला सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने तो एसआईटी गठित की ही है. साथ ही केंद्र ने भी एसआईटी का गठन कर जांच शुरू कर दी है.
बांधवगढ़ में मंगलवार को 4, बुधवार को अन्य चार हाथियों ने दम तोड़ दिया. बड़ी बात ये है कि इन आठ में से सात मादा हाथी हैं. मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रदेश के मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक ने पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है तो वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो दिल्ली ने भी एसआईटी गठित की है. वहीं नेशनल टाइगर कंजरवेटर अथाॅरिटी की टीम भी बांधवगढ़ पहुंच गई है.
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इधर, स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स ने डाॅग स्क्वाॅड की मदद से सात खेतों में पहुंचकर और सात घरों में जाकर तलाशी ली. पूछताछ के लिए पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन फिलहाल विभाग मौक के कारणों का पता नहीं लगा पाया है. वन विभाग के अनुसार, छह हाथियों का पीएम हो चुका है. प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर मौत का कारण कोदो की विषाक्तता माना जा रहा है. टीमें इस दिशा में जांच कर रही है कि हाथियों को जानबूझकर जहर दिया गया है या फसल के कीटनाशक के कारण ऐसा हुआ है.
घटनास्थल से पांच किलोमीटर के दायरे में वन्यजीवों ने जहां-जहां फसल को नुकसान पहुंचाया है, उन सभी स्थानों के सैंपल फाॅरेसिंक जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. साथ ही आसपास के जलस्रोत्रों से पानी के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं. पिछले दिनों पार्क आने वाले लोगों का डाटा भी खंगाला जा रहा है. जांच दल आसपास के रिसोर्ट गतिविधियों की दिशा में भी जांच कर रहा है.
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