हादसा या साजिश? बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में देर रात 3 और हाथियों की मौत, अब तक 7 ने तोड़ा दम, 2 की हालत गंभीर, वन मंत्री ने SIT गठित करने के दिए निर्देश
संजय विश्वकर्मा, उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve) में देर रात 3 और हाथियों की मौत हो गई। जिसके बाद यह आंकड़ा 7 पहुंच गया है। 2 अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस घटना के बाद वन मंत्री रामनिवास रावत ने SIT गठित करने के निर्देश दिए हैं।
वन मंत्री ने सोशल मीडिया पर जताया दुख
वन मंत्री रामनिवास रावत ने दिए SIT गठित कर दोषियों पर सख्त कार्यवाही करने के PCCF वन्य जीव एवं मुख्य वन्य जीव अभिरक्षक मध्य प्रदेश को निर्देश दिए हैं। साथ ही बताया कि घटना में बीमार हुए हाथियों का गहन जांच और उपचार जारी प्रक्रिया है। इसकी जानकारी ‘एक्स’ पर देते हुए उन्होंने लिखा, “बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चार अनमोल हाथियों की असमय मृत्यु अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है। इन अद्भुत प्राणियों का जाना हमारे पर्यावरण और वन्य जीवन के संतुलन पर गहरा आघात है। इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएं इन निर्दोष जीवों के प्रति हैं, जिन्होंने प्रकृति की रक्षा में अनगिनत योगदान दिया।”
गौरतलब है कि कल मंगलवार को पनपथा बफर के सलखनियां बीट में धान की फसल में लगे माहुर रोग से बचाव के लिए किसानों ने फसल में कीटनाशक का छिड़काव किया था। उसी फसल को हाथियों के झुंड ने खा लिया। जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ने लगी। एक-एक कर 4 गजराज ने दम तोड़ दिया। यहां पढ़ें पूरी खबर
शासन ने इस मामले में जानकारी दी कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चार हाथी मृत पाए गए। 29 अक्टूबर 2024 की दोपहर नियमित गश्त के दौरान बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों को खितौली और पतौर कोर रेंज के सलखनिया बीट के RF384 और PF 183A में कुल 4 जंगली हाथी मृत मिले।
इस घटना की सूचना मिलने के बाद टीमों के साथ आसपास के इलाके की तलाशी ली गई और 5 और हाथी अस्वस्थ हालत में जमीन पर पड़े मिले। इस झुंड में 13 हाथी बताए गए जिनमें से 4 की मृत्यु हो गई (1 नर 3 मादा) 5 अस्वस्थ हैं और 4 स्वस्थ पाए गए। सभी संभावनाओं को देखते हुए इलाके की तलाशी ली जा रही है।
बांधवगढ़, संजय और स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फोरेंसिक एंड हेल्थ जबलपुर के वन्यजीव स्वास्थ्य अधिकारियों और वन्यजीव पशु चिकित्सक की मेडिकल टीम जंगली हाथियों का सभी संभव तरीकों से इलाज कर रही है। STSF जबलपुर एवं भोपाल की टीम भी जांच करने हेतु स्थान पर पहुंची है।
पार्क प्रबंधन एवं वन्यजीव चिकित्सक लगातार भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के विशेषज्ञों से भी लगातार परामर्श लिया जा रहा है। अस्वस्थ हाथियों का उपचार जारी है।
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