BNS 241 – न्यायालय में पेश साक्ष्य दस्तावेजों में काट-छांट करने वाले के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, जानिए
जब कोई प्रतिवेदन रिपोर्ट पुलिस अधिकारी द्वारा न्यायालय में साक्ष्य के रूप मे पेश की जाती है या कोई व्यक्ति द्वारा दस्तावेजीय साक्ष्य न्यायालय में पेश किए जाते है और कोई व्यक्ति उनमे काट-छांट या उनको नष्ट कर देता है तब उनके खिलाफ़ क्या कानूनी कार्यवाही होगी। जानिए:-
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 241 की परिभाषा
जो कोई भी व्यक्ति किसी साक्ष्य के रूप मे पेश होने वाले इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज या अन्य दस्तावेज को नष्ट करेगा या उनको छुपाएगा या उन दस्तावेजों में काट-छांट करेगा तब वह व्यक्ति BNS की धारा 241 के अंतर्गत दोषी होगा।
यहां याद रहे :- BNS की धारा 210, तब लागू होती है जब कोई व्यक्ति किसी लोकसेवक या न्यायालय के समक्ष कोई दस्तावेज पेश नहीं करता है एवं जानबूझकर छुपा लेता है लेकिन BNS की धारा 241, सिर्फ न्यायालय में पेश होने वाले साक्ष्य के दस्तावेजों को नष्ट करने और काट-छांट करने एवं उनको छुपाने में लागू होगी।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 241 Provision of punishment
“यह अपराध असंज्ञेय एवं यह जमानतीय अपराध होते हैं, अर्थात पुलिस थाने में इस अपराध की एफआईआर भी दर्ज नहीं होती है लेकिन पुलिस Non-Cognizable Report (NCR) लिख सकती है, इस अपराध के लिए न्यायालय में परिवाद लगाया जा सकता है एवं सुनवाई किसी भी प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा की जा सकती है। इस अपराध के लिए अपराधी व्यक्ति को तीन वर्ष की कारावास या 5000/- रुपये जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है। लेखक✍️बी.आर. अहिरवार (पत्रकार एवं विधिक सलाहकार होशंगाबाद)। Notice: this is the copyright protected post. do not try to copy of this article)
डिस्क्लेमर – यह जानकारी केवल शिक्षा और जागरूकता के लिए है। कृपया किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से पहले बार एसोसिएशन द्वारा अधिकृत अधिवक्ता से संपर्क करें।
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