BHOPAL NEWS – जनरल इंश्योरेंस की महिला मैनेजर, कपड़े अस्त व्यस्त, डेड बॉडी मिली
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अवधपुरी क्षेत्र में जनरल इंश्योरेंस कंपनी की महिला मैनेजर की डेड बॉडी मिली है। कपड़े अस्त व्यस्त थे। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मृत्यु के कारण का खुलासा हो पाएगा।
ऑफिस से लौटने के बाद घर से बाहर नहीं निकली
पुलिस ने बताया कि, 22 अक्टूबर को ऑफिस से अपने घर वापस आई थी। इसके बाद 23 अक्टूबर की रात तक घर से बाहर नहीं निकली। लगातार कॉल करने के बावजूद बेटी ने कॉल पिक नहीं किया, तब मां ने मकान मालिक को कॉल कर मामले की जानकारी दी। मकान मालिक पहुंचे तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। महिला का मोबाइल जब्त किया गया है। बुधवार को शव परिजनों को सौंपा गया।
नेहा विजयवर्गीय राजगढ़ की रहने वाली थी
टीआई रोशनलाल भारती के मुताबिक नेहा विजयवर्गीय (36) मूलतः राजगढ़ की रहने वाली थी। वह अवधपुरी स्थित निर्मल पैलेस में बने एक मकान की दूसरी मंजिल पर किराए से रहती थी और होशंगाबाद रोड स्थित एक निजी बीमा कंपनी में मैनेजर थी। मंगलवार को नेहा की आखिरी बार रात के समय घर पर बात हुई थी । उसने घर पहुंचने की जानकारी दी थी। बुधवार को दिन भर उसकी मां कॉल करती रही, लेकिन उसने पिक नहीं किया। नेहा के पिता का काफी समय पहले ही निधन हो चुका है।
चाचा-चाची कांग्रेस के नेता, नेहा भी राजनीति करना चाहती थी
नेहा राजनीतिक परिवार से थी लेकिन आत्मनिर्भर थी और राजनीति से अलग अपना मुकाम बनाना चाहती थी। नेहा की चाची नम्रता विजयवर्गीय कांग्रेस नेता हैं। वहीं उसके चाचा सुनील विजयवर्गीय राजगढ़ से नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं। वह विवाहित थी, लेकिन पति से अलग रह रही थी। दोनों का तलाक हो चुका है। 11 साल से पति से अलग रह रही थी। नेहा की शादी उज्जैन में हुई थी।
मुंह से झाग लेकिन कमरे में जहर नहीं मिला
पुलिस ने जब शव बरामद किया तो उसके मुंह से झाग निकला हुआ था। इसके साथ ही कमरे में उल्टी भी पड़ी थी। इससे महिला के जहरीला पदार्थ खाकर सुसाइड करने का अंदेशा है। हालांकि, कमरे से जहर की शीशी या किसी प्रकार की गोली का कोई रैपर नहीं मिला है। कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला है। नेहा की दो बहनों की शादी हो चुकी है। उसकी मां का बेटियों के घर आना-जाना लगा रहता है। हर दो महीने में 15 दिन मां नेहा के साथ रहती थी।