CM डॉ मोहन के निर्णय का अखाड़ा परिषद और साधु-संतों ने किया स्वागतः हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में भी बनेंगे स्थायी आश्रम
सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्णय का अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और साधु-संतों ने स्वागत किया है। हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में भी साधु-संत स्थायी आश्रम बना सकेंगे। सिंहस्थ 2028 के संदर्भ में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की साधु-संतों के स्थायी आश्रम संबंधी निर्णय का स्वागत किया है। अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, अध्यक्ष मां मनसा देवी ट्रस्ट हरिद्वार और सचिव श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़ा श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज ने स्वागत किया है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्णय को विकासोन्मुखी बताया है।
महंत रविंद्र पुरी ने बताया है कि सरकार के निर्णय से सभी साधु-संतों में हर्ष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा सिंहस्थ मेला क्षेत्र में सभी अखाड़ों एवं उनके महामंडलेश्वरों और साधु-संतों को स्थाई निर्माण के लिये निर्णय लेकर बनाई गई योजना स्वागत योग्य है। षड़दर्शन साधु समाज के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वरदास महाराज और शैव मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत रामेश्वरगिरी महाराज सहित उज्जैन के सभी प्रमुख साधु संतों ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय का स्वागत किया है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्णय से साधु-संतों को मेला क्षेत्र में अपने आश्रम बनाने में आसानी होगी। साधु-संतों को स्थायी आश्रम निर्माण की अनुमति मिलने से आने वाले भक्तों को भी सामान्य सुविधाएं सहज उपलब्ध रहेगी। धार्मिक पर्यटन का भी विस्तार होगा।
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