इंदौर के रेसीडेंसी कोठी का नाम बदलने पर विवाद, ऐतिहासिक स्थल को ‘देवी अहिल्या विश्राम गृह’ रखने की उठाई मांग
हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में रेसीडेंसी कोठी का नाम बदलकर ‘शिवाजी कोठी’ रखने का प्रस्ताव विवादों में घिर गया है। संस्था पुण्यश्लोका के सदस्यों और धनगर समाज ने इस फैसले का विरोध करते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। कार्यकर्ताओं की मांग है कि इस ऐतिहासिक स्थल का नाम ‘देवी अहिल्या विश्राम गृह’ रखा जाए, न कि शिवाजी कोठी।
स्कूल का नाम भी बदलने का हुआ था प्रयास
संस्था के सदस्यों ने महापौर परिषद को होलकर साम्राज्य का विरोधी बताते हुए कहा कि पिछले साल संयोगिता राजे स्कूल का नाम बदलने का प्रयास भी इसी तरह से किया गया था। लेकिन उनके विरोध के बाद वह प्रस्ताव वापस ले लिया गया। विरोध स्वरूप शहर में कई जगहों पर बैनर लगाए गए हैं, जिनमें रेसीडेंसी कोठी का नाम ‘देवी अहिल्या बाई कोठी’ रखने की मांग की जा रही है।
फैसला लेने से पहले महापौर परिषद को करनी थी चर्चा
संस्था का कहना है कि महापौर परिषद को ऐसा फैसला लेने से पहले शहरवासियों से भी चर्चा करनी चाहिए थी। धनगर समाज और संस्था के बीच इस मुद्दे पर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। अब यह देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस विरोध को किस तरह संभालता है।
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